जम्मू-कश्मीर जब से राज्य से केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया तब से पिछले एक साल में घुसपैठ में कमी आई है. लेकिन आने वाले दिनों में घुसपैठ की कोशिशें तेज हो सकती है इसीलिए नियंत्रण रेखा पर निगरानी बढ़ा दी गयी है. खुफिया एजेंसी RAW रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के इनपुट अनुसार पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर 27 लॉन्च पैड सक्रिय कर दिए हैं जहां 327 आतंकवादी भारत में घुसने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.रॉ ने कई बातचीत को रिकॉर्ड भी किया है. और सुरक्षा बलों को अलर्ट भेजा है, जो भारत और पाकिस्तान के anti infiltration ग्रिड में तैनात है.
घाटी में ऑपरेशन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'इस साल घुसपैठ के स्तर में भारी कमी आई है, लेकिन पाकिस्तान अपने प्रयासों में हिचक नहीं कर रहा है और अपने कैडर के मनोबल को बढ़ाने के लिए घुसपैठ और संघर्ष विराम उल्लंघन (CFV) दोनों के प्रयासों में तेजी ला रहा है. यही कारण है कि हमने अपनी सीमा पर तैनाती और घुसपैठ रोधी ग्रिड को भी मजबूत किया है” अधिकारी के अनुसार इस साल अब तक केवल 35 आतंकवादी ही सफलतापूर्वक भारतीय सीमा में जा पाए हैं. "पिछले साल की संख्या दोगुनी थी, लगभग 60 पार हो गई थी, लेकिन इस साल हम उनमें से अधिकांश को पीछे धकेलने में कामयाब रहे हैं,"
बताते चले कि इस सप्ताह के प्रारंभ में एलओसी पर एक वाहन को कड़ी सुरक्षा के साथ सुरक्षा बलों द्वारा रोका गया था और उन्होंने तीन लोगों को 10 किलो ब्राउन शुगर 2 एके 47 के 2 मैगज़ीन, 2 पिस्तौल, 4 मैगज़ीन और 20 ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया था. अधिकारी ने कहा कि इन हथियारों को दक्षिण कश्मीर में कार्रवाई के लिए ले जाया जा रहा था. सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर में काउंटर इंसर्जेंसी ग्रिड मजबूत किया है. इस साल पहले 7 महीनों में इस क्षेत्र में ही अधिक मुठभेड़ें हुई हैं.
कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने एनडीटीवी को बताया कि घाटी में 165 सक्रिय आतंकवादी हैं, जिनमें से अब तक 135 दक्षिण कश्मीर में हैं और इस क्षेत्र में अधिक अपराध कर रहे हैं. ंएमएचए के आंकड़ों के आधार पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुलगाम, शोपियां और पुलवामा तीन संकटग्रस्त जिले हैं और सुरक्षा बलों के बेहतरीन प्रयासों के बावजूद यह सफल नहीं हुआ है और इस क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या हमेशा 150 के आसपास रही है. जमात की पकड़ अभी भी क्षेत्र में मजबूत है. अधिकांश शीर्ष कमांडर भी इन क्षेत्रों से हैं और पिछले कुछ महीनों में कट्टरता केंद्र के खिलाफ नाराजगी के कारण बढ़ गई है.
एमएचए के आंकड़ों के आधार पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुलगाम, शोपियां और पुलवामा तीन संकटग्रस्त जिले हैं और सुरक्षा बलों के बेहतरीन प्रयासों के बावजूद यह सफल नहीं हुआ है और इस क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या हमेशा 150 के आसपास रही है. जमात की पकड़ अभी भी क्षेत्र में मजबूत है. अधिकांश शीर्ष कमांडर भी इन क्षेत्रों से हैं और पिछले कुछ महीनों में कट्टरता केंद्र के खिलाफ नाराजगी के कारण बढ़ गई है. लेकिन जम्मू कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह का कहना है कि इस क्षेत्र में उन आतंकवादियों द्वारा भी घटना को अंजाम नहीं दिया जा रहा है. जो इस बात का संकेत है कि सुरक्षा बल आतंकवादियों पर हावी हैं.
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि इन संकटग्रस्त क्षेत्रों में बलों की उपस्थिति ने यह सुनिश्चित किया है कि न केवल कानून और व्यवस्था में सुधार हो रही है बल्कि आतंकी हत्याएं भी घट रही हैं. उन्होंने कहा, "पिछले एक दशक में पचास आतंकवादियों को मार गिराया गया था."
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