नई दिल्ली:
लश्कर सरगना हाफिज सईद की पूरे पाकिस्तान में विरोध-प्रदर्शनों की धमकी के बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को पाकिस्तान जा रहे हैं, जहां वह सार्क देशों के गृहमंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे. इसी साल की शुरुआत में पहले पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हमला और उसके बाद जम्मू एवं कश्मीर में हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने व उसके बाद हुई संघर्ष की घटनाओं के बीच राजनाथ सिंह का यह दो-दिवसीय पाकिस्तान दौरा काफी अहम है.
भारत की ओर से पहले ही साफ किया जा चुका है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह पाकिस्तान में केवल सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और पाकिस्तान सरकार से अलग से कोई बैठक नहीं करेंगे.
उधर, हाफिज़ सईद और सैयद सलाउद्दीन की धमकियों को देखते हुए राजनाथ सिंह की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. पाक सूत्रों की मानें तो इन दो दिनों के दौरान राजनाथ सिंह को राष्ट्रपति सरीखी सुरक्षा मिलेगी और वह 200 सुरक्षाकर्मियों के घेरे में रहेंगे. बीएसएफ के डीजी केके शर्मा ने कड़े लहजे में कहा है कि आतंकी हाफिज सईद के नापाक मंसूबों के किसी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा. इस मामले पर हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद पाकिस्तान से दो टूक कहा गया है कि वह राजनाथ सिंह की सुरक्षा के फूलप्रूफ इंतजाम करे.
इस बात की भी पूरी उम्मीद है कि राजनाथ सिंह 4 अगस्त को सार्क सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तान के आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पहलुओं का एक बार फिर खुलासा कर सकते हैं, खासकर आतंकी बुरहानी वानी को शहीद बताने और कश्मीर में घुसपैठ और आतंकियों को शह देने को लेकर.
इस बीच, ऐसी ख़बरें भी हैं कि हाफिज सईद वाघा बॉर्डर से सिर्फ आठ किलोमीटर की दूरी तक पहुंच चुका है, और इसे देखते हुए सरहद पर सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त कर दी गई है.
भारत की ओर से पहले ही साफ किया जा चुका है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह पाकिस्तान में केवल सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और पाकिस्तान सरकार से अलग से कोई बैठक नहीं करेंगे.
उधर, हाफिज़ सईद और सैयद सलाउद्दीन की धमकियों को देखते हुए राजनाथ सिंह की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. पाक सूत्रों की मानें तो इन दो दिनों के दौरान राजनाथ सिंह को राष्ट्रपति सरीखी सुरक्षा मिलेगी और वह 200 सुरक्षाकर्मियों के घेरे में रहेंगे. बीएसएफ के डीजी केके शर्मा ने कड़े लहजे में कहा है कि आतंकी हाफिज सईद के नापाक मंसूबों के किसी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा. इस मामले पर हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद पाकिस्तान से दो टूक कहा गया है कि वह राजनाथ सिंह की सुरक्षा के फूलप्रूफ इंतजाम करे.
इस बात की भी पूरी उम्मीद है कि राजनाथ सिंह 4 अगस्त को सार्क सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तान के आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पहलुओं का एक बार फिर खुलासा कर सकते हैं, खासकर आतंकी बुरहानी वानी को शहीद बताने और कश्मीर में घुसपैठ और आतंकियों को शह देने को लेकर.
इस बीच, ऐसी ख़बरें भी हैं कि हाफिज सईद वाघा बॉर्डर से सिर्फ आठ किलोमीटर की दूरी तक पहुंच चुका है, और इसे देखते हुए सरहद पर सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त कर दी गई है.
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