
जैन समुदाय अपनी छोटी आबादी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ के तौर पर उभरकर सामने आया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में हैदराबाद में आयोजित जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन कनेक्ट 2025 में कहा कि देश के टोटल टैक्स कलेक्शन में जैन समाज का योगदान अहम भूमिका निभा रहा है.
आबादी कम, योगदान ज्यादा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था में जैन समुदाय का योगदान अहम है. उनकी जनसंख्या केवल 0.5% है, लेकिन टैक्स का लगभग 24% हिस्सा उनसे आता है. चाहे औषधि क्षेत्र हो, विमानन हो या शिक्षा क्षेत्रल जैन समुदाय सभी में अग्रणी है."
यह आंकड़ा जैन समाज की आर्थिक शक्ति को दर्शाता है. समुदाय अपनी धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए पारंपरिक रूप से व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्रों पर फोकस कर रहा है. जैन समुदाय ने सिर्फ टैक्स योगदान ही नहीं, बल्कि देश के कई बड़े बिजनेस को आगे लेकर गया है.
इडियन इंडस्ट्री को बढ़ा रहे आगे
जैन फार्मा, एविएशन, ज्वैलरी, रियल एस्टेट और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में अहम भूमिका निभा रहे हैं. सन फार्मा के दिलीप सांघवी, इंडिगो एयरलाइंस के राकेश गंगवाल और जैन इरिगेशन के भवरलाल जैन जैसे नाम इडियन इंडस्ट्री में कमाल कर रहे हैं.
भारत में टैक्स कलेक्शन आंकड़े
फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में नॉन कॉपरेट टैक्स का नेट कलेक्शन 5.8 लाख करोड़ रुपये रहा है. इसमें इंडिविजुअल, HUF के साथ फर्म के आंकड़े शामिल हैं. पिछले साल की तुलना में 9.18% की ग्रोथ हुई है.
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