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This Article is From Apr 10, 2024

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने इस्तीफ़ा दिया, AAP भी छोड़ी

राजकुमार आनंद ने कहा कि पार्टी में दलित विधायक और मंत्री का कोई सम्मान नहीं है. सरकार या संगठन में इनके अग्रिम नेताओं में कोई भी दलित नहीं है किसी राज्य का प्रभारी दलित नहीं है ऐसे हालात में सभी अपने आप को दलित ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने इस्तीफ़ा दिया, AAP भी छोड़ी
नई दिल्ली:

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजकुमार आनंद ने मंत्री पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.राजकुमार आनंद अरविंद केजरीवाल सरकार में समाज कल्याण मंत्रालय संभाल रहे थे.  राजकुमार आनंद (Rajkumar Anand) ने कहा कि आम आदमी पार्टी में दलित विधायकों या पार्षदों का कोई सम्मान नहीं होता है. दलितों को प्रमुख पदों पर जगह नहीं दी जाती है. मैं बाबा साहब अंबेडकर के सिद्धांत पर चलने वाला व्यक्ति हूं अगर दलितों के लिए ही काम नहीं कर पाया तो फिर पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है.

राज कुमार आनंद ने इस्तीफे को लेकर क्या कारण बताया? 
मैं दिल्ली सरकार में मंत्री हूं, मेरे पास सात विभाग हैं. आज मैं बहुत व्यथित हूं, इसलिए दुख साझा करने आया हूं. मैं राजनीति में तब आया था जब अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा. लेकिन आज अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि राजनीति तो नहीं बदली, लेकिन राजनेता बदल गए. आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन से हुआ था, लेकिन आज यह पार्टी ख़ुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है. मेरे लिए मंत्री पद पर रह कर इस सरकार में काम करना असहज हो गया है. 

राज कुमार आनंद ने कहा कि मैं इस पार्टी, सरकार और अपने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे रहा हूं, क्योंकि मैं इन भ्रष्ट आचरणों में अपना नाम नहीं करवाना चाहता. मैं नहीं समझता कि हमारे पास शासन करने की कोई नैतिक ताक़त बची है.

राजकुमार आनंद ने लगाए कई आरोप
बाबा साहेब अंबेडकर ने पे बैक टू सोसाइटी का मंत्र दिया था, उसी की वजह से व्यापारी होते हुए भी मैं पहले एनजीओ में आया, फिर ना जन प्रतिनिधि बना फिर मंत्री बना ताकि लोगों की सेवा हो. मैं आया था कि सोसाइटी को अपनी तरफ़ से कुछ दे सकूं. इसी वजह से मैं आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ा हुआ, जो बाबा साहब के आदर्शों पर चलने की बात करते हैं, बाबा साहब की फ़ोटो हर प्रेस कॉन्फ़्रेन्स, हर सरकारी दफ़्तर पर लगाते हैं लेकिन केवल बात ही होती है. 

आनंद दिल्ली सरकार के पहले मंत्री हैं जिन्होंने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और शराब घोटाले मामले में लगे आरोपों के कारण अपने पद से इस्तीफा दिया है.

राजकुमार आनंद के इस्तीफे पर AAP ने क्या कहा? 
राजकुमार आनंद के इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज से प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. संजय सिंह ने कहा, "हमने पहले दिन से एक ही बात कही कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के पीछे आम आदमी पार्टी को तोड़ने की मंशा है. कोई भ्रष्टाचार को उजागर करने का मकसद नहीं है. सिर्फ और सिर्फ आम आदमी पार्टी को तोड़ने का मकसद है."

संजय सिंह ने कहा, "इसलिए मैं दोहरा रहा हूं कि भारतीय जनता पार्टी इस देश की वह आपराधिक पार्टी है, जो इस देश में गुंडागर्दी का आचरण कर रही है. ED-CBI का इस्तेमाल करो. पार्टियों को तोड़ो सरकार को तोड़ो. यही काम इन्होंने दूसरे राज्यों में किया."

उन्होंने कहा, "आम आदमी पार्टी की एक-एक मंत्री विधायक की परीक्षा है. यह भी याद रखा जाए. यह देखा जाएगा कि इस दौर में अपने भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला किस तरह किया. राजकुमार आनंद के यहां 23 घंटे तक ED का छापा पड़ा था."


सौरभ भारद्वाज ने कहा, "हम जानते हैं कुछ लोग इस लड़ाई में पीछे हटेंगे. कुछ का मनोबल कमजोर होगा. कुछ टूटेंगे, लेकिन बड़ी तादाद उन लोगों की है, जो इन परिस्थितियों का मुकाबला करेंगे."

राजेंद्र पाल गौतम के इस्तीफे के बाद बनाया गया था मंत्री
राजेंद्र पाल गौतम के इस्तीफे के बाद साल 2022 में राज कुमार आनंद को केजरीवाल सरकार में मंत्री बनाया गया था. उस दौरान समाज कल्याण विभाग संभाल रहे राजेंद्र पाल गौतम ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोपों के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. 

ईडी की तरफ से हुई थी छापेमारी
गौरतलब है कि केजरीवाल सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद के ठिकानों पर पिछले साल नवंबर में प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से 22 घंटे तक छापेमारी की गयी थी. उस दौरान राजकुमार आनंद ने कहा था कि  ये हमें तंग करने के लिए आए थे. पूरे घर की तलाशी ली, जिसमें उन्हें कुछ नहीं मिला. ये लोग ऐसा कहते रहे कि ऊपर से आदेश है. राजकुमार आनंद ने बताया कि इस देश में सच बोलना, दलितों की राजनीति करना, काम की राजनीति करना गुनाह बन गया है. ED जो कस्टम का मामला बता रही है, वो बीस साल पुराना है और उसमें सुप्रीम कोर्ट तक का फ़ैसला आ चुका है. ये लोग आम आदमी पार्टी को ख़त्म करना चाहते हैं, ये चाहते हैं कि काम की राजनीति न हो, इसलिए ऐसे परेशान किया जा रहा है.

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