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तीसरी बार हिमाचल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष कैसे बने डॉ. राजीव बिंदल, पूरा समीकरण समझिए

डॉ. राजीव बिंदल ने अपना राजनीतिक सफर सोलन जिले के नगर परिषद अध्यक्ष के तौर पर 1995 में शुरू किया था. 2000 में उन्होंने पहली बार सोलन से विधानसभा का उपचुनाव लड़ा और जीते. इसके बाद मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष भी रहे.

तीसरी बार हिमाचल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष कैसे बने डॉ. राजीव बिंदल, पूरा समीकरण समझिए
  • डॉ. राजीव बिंदल को हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया है.
  • संतुलन बैठाने में डॉ राजीव बिंदल का संगठन कौशल बाकी नेताओं पर भारी पड़ा.
  • बिंदल का राजनीतिक करियर 1995 में सोलन नगर परिषद अध्यक्ष के रूप में शुरू हुआ.
  • 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों को देखते हुए बीजेपी ने बिंदल पर भरोसा जताया है.
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शिमला:

हिमाचल प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल को लगातार तीसरी बार इस पद के लिए चुन लिया गया है. इस पद के लिए उनका चयन निर्विरोध हुआ. राजीव बिंदल संगठन के काम में माहिर माने जाते हैं. हिमाचल सरकार में मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं.  2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने उन पर एक बार फिर से भरोसा जताया है.

डॉ. राजीव बिंदल का राजनीतिक सफर

डॉ. राजीव बिंदल ने अपना राजनीतिक सफर सोलन जिले के नगर परिषद अध्यक्ष के तौर पर 1995 में शुरू किया था. साल 2000 में उन्होंने पहली बार सोलन से विधानसभा का उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2003 और 2007 में भी जीते. प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं.

हिमाचल में परिसीमन के बाद राजीव बिंदल ने नाहन से चुनाव लड़ा था. नाहन से 2012 और 2017 के चुनाव में जीत हासिल की. 2022 में कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी के हाथों हार झेलनी पड़ी. हिमाचल में मंत्री रहने के अलावा विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं. विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर बिंदल का कार्यकाल लगभग दो साल का रहा. 2020 में पांच महीने और 2023 से अब तक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हैं.

संगठन कौशल में माहिर 

हिमाचल प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में तैयारियों के लिए प्रदेश अध्यक्ष की अहम भूमिका होने वाली है. इसी को देखते हुए पार्टी हाईकमान ने डॉ. राजीव बिंदल के संगठन कौशल पर एक बार फिर से विश्वास जताया है. संतुलन बैठाने में और नाम भी बेहतर हो सकते थे, लेकिन बिंदल का संगठन कौशल सब पर भारी पड़ा.

डॉ. राजीव बिंदल को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, अनुराग ठाकुर और संगठन के बड़े नेताओं का समर्थन प्राप्त है. अन्य संभावित दावेदारों में राजीव भारद्वाज, इंदू गोस्वामी, विपिन सिंह परमार जैसे नाम चर्चा में थे. लेकिन आखिर में किसी ने नामांकन दाखिल नहीं किया. इससे साफ हो गया कि हाईकमान ने अंततः बिंदल के नाम पर सहमति बनाई है क्योंकि उन्हें संगठन का खासा अनुभव है. वह पिछले 30-35 वर्षों से राजनीति में हैं.

बीजेपी के अंदरूनी समीकरणों में कांगड़ा जिले की अहम भूमिका रही है. राजीव भारद्वाज का नाम कांगड़ा क्षेत्र को साधने के लिहाज से चर्चा में था. परंतु संगठन ने अनुभवी चेहरे पर भरोसा जताया. कुल मिलाकर हिमाचल बीजेपी में छह महीने से चल रहा अध्यक्ष पद का इंतजार अब खत्म हो गया है. 

निर्विरोध चुने गए डॉ. राजीव बिंदल

चुनाव अधिकारी डॉ. राजीव भारद्वाज ने बताया कि सोमवार दोपहर 12 से 2 बजे तक नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया चली. नामांकन वापसी की समयसीमा सोमवार शाम 5 बजे तक निर्धारित की गई थी. इसके बाद शिमला में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह पार्टी अध्यक्ष चुने जाने की आधिकारिक घोषणा की. 

चुनाव अधिकारी डॉ. राजीव भारद्वाज ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष के लिए डॉ. राजीव बिंदल के नाम के तीन सेट प्राप्त हुए थे. इनका अनुमोदन नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और समस्त विधायक दल, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, समस्त लोकसभा व राज्यसभा सदस्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्षों, पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता गोविंद ठाकुर एवं भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों ने किया. 

राष्ट्रीय परिषद सदस्यों का भी चुनाव

पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के आठ सदस्यों का भी मंगलवार को नामांकन हुआ. इनके चयन की औपचारिक घोषणा कर दी गई है. चुनाव अधिकारी डा. राजीव भारद्वाज ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, सभी सांसद (पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सुरेश कश्यप, कंगना रनौत, राजीव भारद्वाज, इंदु गोस्वामी, डा. सिकंदर कुमार और हर्ष महाजन) राष्ट्रीय परिषद के पदेन सदस्य होंगे.
 

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