वीरांगना मामले में बीजेपी के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा के साथ पुलिस द्वारा किए गए कथित गलत बर्ताव के खिलाफ शुक्रवार को दौसा में युवाओं ने आक्रोश रैली निकालकर प्रदर्शन किया और जिला कलेक्ट्रेट के सामने पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने बताया कि सांसद के समर्थक जिला कलेक्ट्रेट के सामने मंत्री शांति कुमार धारीवाल से माफी मांगने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गए हैं.
युवाओं ने पीजी कॉलेज के पास से कलेक्ट्रेट तक शुक्रवार को सुबह 11 बजे रैली निकाली और राज्य सरकार व पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. युवाओं के हाथों में सरकार विरोधी स्लोगन लिखी तख्तियां थीं.
सैकड़ों युवा नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट के सामने पहुंचे जहां पुलिस ने अवरोधक लगाए हुए थे. आक्रोशित युवाओं ने वहां पर सांसद के समर्थन में व राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और पुतला फूंका. युवाओं ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल द्वारा विधानसभा में सांसद के लिए आतंकी शब्द का प्रयोग करने पर मंत्री से माफी मांगने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
पुलिस सहायक उपनिरीक्षक हरिसिंह ने बताया कि आक्रोश रैली के बाद भाजपा सांसद किरोड़ी मीणा के 10-12 समर्थकों ने दौसा जिला कलेक्ट्रेट के गेट के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है. उन्होंने बताया कि उनकी मांग है कि संसदीय कार्य मंत्री धारीवाल सदन में सांसद के खिलाफ दिए बयान पर माफी मांगें.
उल्लेखनीय है कि सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विधानसभा में भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी मीणा के लिए आतंकी शब्द का प्रयोग किया था. एक वीरांगना से मिलने चौमूं जाते वक्त उन्हें चोट आने के कारण जयपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां से वे स्वेच्छा से उपचार के लिए दिल्ली चले गए थे.
आज लोकसभा अध्यक्ष श्री @ombirlakota जी दिल्ली आवास पर कुशलक्षेम पूछने पधारे। वीरांगनाओं के हक में आवाज उठाने के बदले स्वयं को गांधीवादी कहने वाले मुख्यमंत्री जी की पुलिस ने जान से मारने की कोशिश की। आप सबकी दुआओं और आशिर्वाद से बच गया।@BJP4India pic.twitter.com/eJU33UBPnZ
— Dr.Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) March 17, 2023
किरोड़ी लाल मीणा से आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मुलाकात की. मीणा ने ट्वीट किया- ''आज लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी दिल्ली आवास पर कुशलक्षेम पूछने पधारे. वीरांगनाओं के हक में आवाज उठाने के बदले स्वयं को गांधीवादी कहने वाले मुख्यमंत्री जी की पुलिस ने जान से मारने की कोशिश की. आप सबकी दुआओं और आशीर्वाद से बच गया.''
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