राजस्थान विधानसभा चुनावों (Rajasthan Assembly Election) के लिए मतगणना आज होगी. सत्तारूढ़ कांग्रेस (Congress) को उम्मीद है कि राज्य में हर चुनाव में सरकार बदलने का ‘रिवाज' बदलेगा और मतदाता उसे फिर से सरकार बनाने का मौका देंगे. कांग्रेस की इस उम्मीद का बड़ा आधार अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार का कामकाज और जनकल्याणकारी योजनाएं हैं. मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) को लगता है कि राज्य का ‘रिवाज' कायम रहेगा और राज यानी सरकार बदलेगी. मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार रात एक बार फिर भरोसा जताया कि राज्य में कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी.
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने शनिवार को बताया कि राज्य के 199 विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना 33 जिला मुख्यालयों के 36 केन्द्रों पर तीन दिसंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी. मतगणना के लिए 1121 सहायक निर्वाचन अधिकारियों (एआरओ) की ड्यूटी लगाई गई है.
उन्होंने बताया कि जयपुर, जोधपुर एवं नागौर में दो-दो केंद्रों पर और शेष 30 जिलों में एक-एक केंद्र पर मतों की गिनती की जाएगी. सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस आयुक्त एवं पुलिस अधीक्षकों को मतगणना केंद्र में सुरक्षा मापदंडों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं.
मतगणना का दिन शुष्क दिवस घोषित किया गया है.
राज्य की 200 में से 199 सीट के लिए मतदान 25 नवंबर को हुआ था. करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया। इन 199 सीट पर 1862 उम्मीदवार मैदान में हैं.
राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा के बीच माना जा रहा है. राजनीतिक गलियारों में इस चुनाव को राज (सरकार) और ‘‘रिवाज'' बदलने की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है.
बीते कुछ दशकों में, परंपरागत रूप से राज्य में हर विधानसभा चुनाव में राज यानी सरकार बदल जाती है... एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा. भाजपा को बाकी बातों के अलावा इस ‘रिवाज' से बड़ी उम्मीद है जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि इस बार यह ‘रिवाज' बदलेगा और दोबारा उसकी सरकार बनेगी.
चुनाव बाद के सर्वेक्षण में सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी, दोनों की सरकार बनाने का अनुमान जताया गया है. जहां अधिकांश एग्जिट पोल ने राज्य में भाजपा को बढ़त मिलने का अनुमान जताया है, तीन एग्जिट पोल ने कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की है.
मतगणना से ठीक पहले गहलोत ने शनिवार रात कहा, ‘‘कांग्रेस भारी बहुमत से चुनाव जीत रही है, स्पष्ट बहुमत मिलेगा.''
गहलोत, पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा तथा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यहां पार्टी के उम्मीदवारों के साथ ऑनलाइन माध्यम से बातचीत की.
कांग्रेस ने अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि गहलोत इस पद की दौड़ में सबसे आगे हैं.
भाजपा ने भी मुख्यमंत्री पद का ‘चेहरा' घोषित किए बिना चुनाव लड़ा है लेकिन वसुंधरा राजे को उनके समर्थक संभावित दावेदारों में मानते हैं.
राज्य में 25 नवंबर को 75.45 फीसदी मतदान हुआ, जबकि साल 2018 के गत विधानसभा चुनाव में 74.71 प्रतिशत मतदान हुआ था.
जहां तक चुनावी मैदान में उतरे प्रमुख नेताओं की बात है तो सत्तारूढ़ कांग्रेस की ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, मंत्री शांति धारीवाल, बी.डी. कल्ला, भंवर सिंह भाटी, सालेह मोहम्मद, ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास, राजेंद्र यादव, शकुंतला रावत, उदय लाल आंजना, महेंद्रजीत सिंह मालवीय तथा अशोक चांदना व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल हैं.
भाजपा के प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया तथा सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौड़, बाबा बालकनाथ व किरोड़ी लाल मीणा मैदान हैं.
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