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This Article is From Jul 29, 2020

राजस्‍थान: विधानसभा सत्र पर गतिरोध के बीच CM गहलोत ने अपने रुख में दिखाई कुछ नरमी

तीसरी बार विधानसभा सत्र के लिए अनुरोध को अस्वीकार किए जाने के कुछ ही घंटों बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने रुख में कुछ 'नरमी' का संकेत दिया है.

राजस्‍थान: विधानसभा सत्र पर गतिरोध के बीच CM गहलोत ने अपने रुख में दिखाई कुछ नरमी
राजस्‍थान में विधानसभा सत्र को लेकर सीएम गहलोत और राज्‍यपाल के बीच गतिरोध जारी है
जयपुर:

Rajasthan Political Crisis: राजस्‍थान के सियासी संकट के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र  (Governor Kalraj Mishra) द्वारा तीसरी बार विधानसभा सत्र के लिए अनुरोध को अस्वीकार किए जाने के कुछ ही घंटों बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने रुख में कुछ 'नरमी' का संकेत दिया है. मिली जानकारी के अनुसार, सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने विधानसभा सत्र  (Assembly Session)के लिए एक नई तारीख का प्रस्‍ताव दिया है.सूत्रों के अनुसार, अशोक गहलोत कैबिनेट ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए एक बार फिर संशोधित प्रस्ताव को बुधवार रात मंजूरी दी,  इसमें 14 अगस्त से सत्र बुलाने का प्रस्ताव किया गया है. सूत्रों का कहना है कि इससे सत्र के लिए 21 दिन के स्पष्ट नोटिस की अनिवार्यता पूरी हो जाएगी जिस पर राज्यपाल कलराज मिश्र बार-बार जोर दे रहे हैं.

गौरतलब है कि 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर सीएम चार बार राज्‍यपाल से मिल चुके हैं लेकिन राज्‍यपाल अपने रुख पर अडिग रहे हैं. राज्‍यपाल की ओर से एक बार फिर दोहराया है कि विधानसभा सत्र (Assembly Session) बुलाने के लिए 21 दिन को नोटिस बेहद जरूरी है. यानी राज्यपाल का कहना है कि अगर आप “विश्वास मत प्रस्ताव लाना चाहते हैं तो जल्दी विधानसभा सत्र बुलाया जा सकता है वर्ना 21 दिन के नोटिस पर सत्र बुलाया जाए जबकि गहलोत सरकार का कहना है कि वो “विश्वास मत  प्रस्ताव “ नहीं लाना चाहते, उनके पास बहुमत है.

राज्‍यपाल की ओर से कहा गया है कि यदि सरकार विश्‍वास मत लाना चाहती है तो वह कोराना वायरस महामारी के चलते 'सोशल डिस्‍टेंसिंग' का पालन करते हुए संक्षिप्‍त विधानसभा सत्र बुला सकती है.गौरतलब है कि बार बार की गुहार के बाद भी विधानसभा सेशन आयोजित करने की इजाजत नहीं मिलने पर कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है. चीफ व्हिप महेश जोशी ने कहा कि राज्यपाल आखिरकार सत्र बुलाने पर सहमत क्यों नहीं हो रहे हैं? कोरोना कोई मुद्दा नहीं है. कोरोना के मामले में राजस्थान में रिकवरी रेट अच्छा है. हमें फ्लोर टेस्ट की क्या जरूरत है? हम बहुमत में हैं. यदि राज्यपाल को संदेह है कि तो वह हमें फ्लोर टेस्ट का निर्देश दे सकते हैं. उन्‍होंने कहा क गवर्नर ऐसे सवाल कर रहे हैं जो कि उनकी अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं. हमारे के पास पूर्ण बहुमत है और हमने इस बारे में राज्यपाल को सूचित भी किया है. (भाषा से भी इनपुट)

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