राजस्थान के दिग्गज कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा है कि केंद्र सरकार ने चुनाव के दबाव में आकर तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है. NDTV से बात करते हुए पायलट ने कहा कि बगैर किसी बात और बहस के इन कानूनों को वापस ले लिया गया है. जनता और किसान जानना चाहती है कि क्यों ये कानून बने क्यों वापस लिया, सरकार स्पष्ट करे. सरकार कुछ छिपा रही है. इस मामले में स्पष्टीकरण आना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये बात कांग्रेस की या किसी और दल की नहीं है. ये सारे किसान परिवार की है, देश के किसानों ने एक साल तक संघर्ष किया है और साबित किया है कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है. पायलट ने कहा कि आज स्थिति यह है कि अगर सांसद सदन में मांग कर रहे हैं तो उन्हें निलंबित किया जा रहा हैये लोकतंत्र के लिए एक गलत परंपरा साबित हो रही है.
सचिन पायलट ने कहा, 'न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर चर्चा होनी चाहिए. अगर विपक्ष चर्चा की मांग को रखता है तो वो गलत मांग नहीं है. चुनाव आ रहे हैं,सरकार बहुत दबाव में है इसलिए बिल वापस ले रहे हैं. वे यह बिल लेकर क्यों आए थे, इसकी खुलासा होना चाहिए. अगर संसद में चर्चा न हो तो संसद का फायदा क्या है? चर्चा से सरकार भाग रही है ये संकेत है कि देश मेंक्या माहौल बन रहा है.' राजस्थान की सियासत के बारे में उन्होंने कहा कि 22 महीने में विधानसभा के चुनाव हैं. हमने पार्टी नेतृत्व को सुझाव दिए थे. कमेटी वनी और कुछ विलंब हुआ है हर जाति का एक नेतृत्व होना चाहिए. वो एक बेंलेस स्थापित हुआ है जसका हमने स्वगत किया है ताकिआने वाले समय में इस परिपाटी को हम तोड़ सकें. राजस्थान में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पायलट ने कहा, '2013 के चुनाव में हम 200 में से 20 सीटों में सिमट गए थे. पांच साल मेहनत की और आज हम बहुमत में हैं. हमारी प्राथमिकता जनता का विश्वास जीतना हैपार्टी आगे का निर्णय लेगी लेकिन हम सब चाहेंगें कि 2023 में कांग्रेस को बहुमत मिले.लोगों का विश्वास जीतना है.
उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं ने मेहनत की है. हम नेता भाषण देके आ जाते हैं लेकिन कार्यकर्ता हर कार्य करता है. हम सब मिलकर काम करेंगे तभी ये परिपाटी तोड़ पाएंगे. पार्टी कदम चर्चा होने के बाद उठाती है मुझे पूरा विश्वास है कि पार्टी अच्छा कदम उठा रही है. जो भी निर्णय संगठन लेगा उसका मिलकर फॉलोअप करेंगे. अपने बारे में पायलट ने कहा, 'पिछले 20 सालों में पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी है उसे मैंने निभाया है, आगे भी करूंगा. लेकिन जिस प्रदेश से मैं आता हूं, मेरी प्रथमिकता रहेगी कि वहां हम चुनाव जीत सकें.' एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि निर्णय एआईसीसी लेती है वर्किंग कमेटी लेती है. इस पर निर्णय सोनिया गाधी जी का होता है क्योंकि वो अध्यक्ष हैं लेकिन सबकी सलाह को सुनने के बाद यह फैसला लिया जाता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं