उत्तराखंड में पिछले दिनों से लगातार हुई बारिश की वजह से पांच लोगों की मौत हो गई है. जबकि जगह-जगह भूस्खलन होने से राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 300 सड़कें यातायात के लिए अवरूद्ध हो गईं हैं. जिससे सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. पहाड़ों से लेकर मैदान तक भारी बारिश से जमकर तबाही हुई है. बारिश के अलर्ट को देखते हुए अधिकारियों को 24 घंटे हाई अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.
रुद्रप्रयाग-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच अवरूद्ध है. जबकि ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तरकाशी में ओरछा बैंड के पास तथा टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग स्वाला, संतोला एवं चलथी में बंद है. इसके अलावा, ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग नंदप्रयाग और चटवापीपल में बंद है. अधिकारियों ने बताया कि इन मार्गों को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इन पर यातायात सुचारू रूप से शुरू किया जा सके.
पानी में डूबे घाट
भारी बारिश के चलते ऋषिकेश में गंगा के किनारे सभी घाट पानी में डूब गए हैं. शिव मूर्ति तक जाने वाला रैंप भी जलमग्न हो गई है और नदी, नाले उफान पर है. नदियों का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि अंतिम संस्कार करने के लिए पार्थिव शरीर को ट्राली के माध्यम से नदी पार करवानी पड़ रही है. कई जगह घर, दुकानें और सड़के जमींदोज हो गई है. कई जगह संपर्क मार्ग टूट गया है, जिन्हें लगातार खोलने का प्रयास चल रहा है. पुलिस लगातार लाउडस्पीकर की मदद से लोगों से अपील कर रही है कि वो नदियों के किनारे न जाएं.
दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर बारिश से हुए नुकसान और राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली और अधिकारियों को निर्देश भी दिए.
बता दें मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार को प्रदेश के अधिकांश जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी, जिसके मद्देनजर राज्यभर में पहली से 12वीं कक्षा तक के विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया गया था.
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