नई दिल्ली:
उत्तराखंड की दुर्गम पहाड़ियों और पर्वतीय क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिहाज से बचाव कर्मियों के लिए अगले 48 घंटे अहम हैं क्योंकि बारिश रविवार शाम तक फिर लौट सकती है।
उत्तराखंड में जलप्रलय से हुई तबाही से प्रभावित लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य को शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए केन्द्र सरकार ने कहा कि राहत कार्य और तेज किए गए हैं जबकि बाढ़ में फंसे हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए और हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं।
चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों से 50,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का दावा किया गया है।
कैबिनेट सचिव अजीत सेठ ने थलसेना, वायुसेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और बीआरओ समेत अन्य एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में उत्तराखंड में तलाशी, बचाव और राहत कार्यों का जायजा लिया।
बैठक में शामिल हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने कहा कि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में रविवार शाम से हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है और 26 जून से कुछ इलाकों में भारी बारिश के आसार बन रहे हैं।
एयर मार्शल एसबी देव ने कहा, ‘हमारे पास 48 घंटे का अहम समय है और हम फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।’ वायु सेना ने 43 हेलीकॉप्टरों समेत 241 विमानों के माध्यम से बचाव कार्य किया। एक विशालकाय एमआई-26 हेलीकॉप्टर ने ईंधन पहुंचाने के काम में मदद की।
उत्तराखंड में जलप्रलय से हुई तबाही से प्रभावित लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य को शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए केन्द्र सरकार ने कहा कि राहत कार्य और तेज किए गए हैं जबकि बाढ़ में फंसे हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए और हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं।
चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों से 50,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का दावा किया गया है।
कैबिनेट सचिव अजीत सेठ ने थलसेना, वायुसेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और बीआरओ समेत अन्य एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में उत्तराखंड में तलाशी, बचाव और राहत कार्यों का जायजा लिया।
बैठक में शामिल हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने कहा कि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में रविवार शाम से हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है और 26 जून से कुछ इलाकों में भारी बारिश के आसार बन रहे हैं।
एयर मार्शल एसबी देव ने कहा, ‘हमारे पास 48 घंटे का अहम समय है और हम फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।’ वायु सेना ने 43 हेलीकॉप्टरों समेत 241 विमानों के माध्यम से बचाव कार्य किया। एक विशालकाय एमआई-26 हेलीकॉप्टर ने ईंधन पहुंचाने के काम में मदद की।
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