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This Article is From Feb 15, 2020

जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में राष्ट्रीय महत्व वाली रेलवे परियोजनाओं को 2023 तक किया जाएगा पूरा

रेलवे की प्राथमिकता 50 बेहद जरूरी परियोजनाओं को पूरा करने और क्षमता बढ़ाने की है.

जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में राष्ट्रीय महत्व वाली रेलवे परियोजनाओं को 2023 तक किया जाएगा पूरा
रेलवे की प्राथमिकता 50 बेहद जरूरी परियोजनाओं को पूरा करने की है.
नई दिल्ली:

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में एक दशक से भी ज्यादा समय से लंबित ‘राष्ट्रीय महत्व' वाली रेलवे परियोजनाओं को 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. यादव ने कहा कि अगले पांच साल में रेलवे की प्राथमिकता 50 बेहद जरूरी परियोजनाओं को पूरा करने और क्षमता बढ़ाने की है ताकि 1,500 नई ट्रेनों को लाया जा सके और राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को पूरा किया जा सके. उन्होंने बताया कि इसमें शीर्ष पर उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक है जिसे एनडीए नेतृत्व वाली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 2002 में ‘राष्ट्रीय महत्व' वाली घोषित किया था.

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उन्होंने बताया कि ये सभी परियोजनाएं भूमि अधिग्रहण मुद्दों, कानूनी पेंच और कठिन इलाकों की वजह से विलंबित हुआ. एक अन्य राष्ट्रीय महत्व वाली परियोजना 51.38 किलोमीटर लंबी भैरवी-सैरंग परियोजना है. इसे 2008-2009 में मंजूरी दी गयी किंतु यह अभी यह पूरी नहीं हुई है. इसे पूरा करने की होने की समय सीमा अब 2023 है.

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नगालैंड में दीमापुर से कोहिमा (82.50 किमी) जोड़ने के परियोजना को पूरा करने के लिए रेलवे ने 2023 का समय तक किया है. सिक्किम के सिवोक-रंगपो को जोड़ने वाली परियोजना भी इस सूची में शामिल है जिसे 2008-2009 में मंजूरी दी गयी लेकिन अब इसकी समय-सीमा 2023 तय की गई है.

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