रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव 21 जून यानी योग दिवस के मौके पर ओडिशा के बालासोर जाएंगे. रेल मंत्री बालासोर में योगा दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के बाद प्रशासन के उन लोगों से भी मिलेंगे जो ओडिशा हादसे के पीड़ितों का ध्यान रख रहे हैं. बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने योगा दिवस के मौके पर देश भर में विशेष कार्यक्रम आयोजन करने जा रही है. इन आयोजनों में मुख्य रूप केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता अलग-अलग जगह शामिल होंगे.खुद पीएम मोदी पहली बार अमेरिका में रहते हुए योगा दिवस के मौके पर विशेष कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं.
बीजेपी ने तैयार की है कार्यक्रम की रूपरेखा
इसी क्रम में बीजेपी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को बालासोर भेजने का फैसला किया है. अपनी बालासोर दौरे के दौरान रेल मंत्री उन लोगों से भी खास तौर पर मिलेंगे जिन्होंने ट्रेन हादसे के दौरान पीड़ितों को घटनास्थल से बाहर निकालने में प्रशासन की मदद की थी. रेल मंत्री हादसे के बाद घायलों के बचाव में जिन डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े अन्य कर्मचारियों ने आगे आकर मदद की उनसे भी मुलाकात करेंगे.
CBI भी कर रही है जांच
ओडिशा का बालासोर ट्रेन हादसा आखिर क्यों हुआ? इस हादसे की वजह क्या थी? इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिल पाए हैं. इस ट्रेन हादसे में अभी तक 278 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. इस बीच कुछ दिन पहले ही सीबीआई ने हादसे की जांच भी शुरू कर दी है. सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल का दौरा किया और अपनी जांच शुरू की थी. रेलवे के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी थी. खुर्दा रोड मंडल के डीआरएम आर रॉय ने कहा था कि उनकी जानकारी के अनुसार, सीबीआई जांच शुरू हो गई है लेकिन विस्तृत विवरण अभी उपलब्ध नहीं है.
रेलवे बोर्ड ने की थी मांग
रेलवे बोर्ड ने हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. यह मामला भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 337, 338, 304ए (लापरवाही से मौत) और 34 (सामान्य मंशा) और धारा 153 (रेलवे यात्रियों के जीवन को खतरे में डालने वाली गैरकानूनी और लापरवाही भरी कार्रवाई) और रेलवे अधिनियम 154 और 175 (जीवन को खतरे में डालना) के तहत दर्ज किया गया था.
12 पार्टियों ने रेल मंत्री से इस्तीफा मांगा, सीबीआई जांच को किया खारिज
ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच को खारिज करते हुए कांग्रेस सहित 12 राजनीतिक दलों की राज्य इकाइयों ने विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की थी. ताकि निष्पक्ष जांच का मार्ग प्रशस्त हो सके. कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भाकपा(माले) लिबरेशन, भाकपा(माले) रेड स्टार, अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), आरपीआई, आम आदमी पार्टी (आप) और समता क्रांति दल आदि ने यहां एक संयुक्त बैठक की थी. बैठक में यह कहते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था कि उन्होंने सीबीआई द्वारा जांच को खारिज कर दिया और केंद्रीय एजेंसी पर 'भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम करने' का आरोप लगाया. उन्होंने मांग की कि अदालत की निगरानी में एसआईटी द्वारा मामले की जांच कराई जाए.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं