
बिहार की अति पिछड़ी आबादी को लुभाने के लिए इंडिया गठबंधन बुधवार को पटना में अति पिछड़ा न्याय संकल्प सम्मेलन आयोजित कर रहा है जिसमें अति पिछड़ी जातियों यानी ईबीसी के लिए घोषणापत्र जारी किया जाएगा. कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक के बाद राहुल गांधी भी इसमें शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक इंडिया गठबंधन "एससी,एसटी एक्ट " की तर्ज पर बिहार में अति पिछड़ा अत्याचार निवारण एक्ट लागू करने का वादा करेगा. इसके अलावा सरकार बनने पर नगर निकाय और पंचायत चुनाव में ईबीसी आरक्षण मौजूदा बीस से बढ़ाकर तीस फीसदी करने का एलान भी किया जाएगा.
दरअसल बिहार की कुल आबादी की करीब 36 फीसदी लोग ईबीसी समाज में आते हैं. इस वोट बैंक पर नीतीश कुमार का जबरदस्त प्रभाव रहा है. बीते कई सालों से बीजेपी भी इस समाज के कई नेताओं को आगे बढ़ा कर आरजेडी के मुस्लिम–यादव के सामने अगड़ा–अति पिछड़ा समीकरण तैयार करने की कोशिश कर रही है. आरजेडी–कांग्रेस को भी लगता है कि सत्ता का रास्ता बिना ईबीसी के पूरा नहीं हो सकता.
ऐसे में कांग्रेस ने ईबीसी वोट बैंक में सेंध लगाने का बीड़ा उठाया है. इसके लिए कांग्रेस ने बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अति पिछड़ा विभाग का गठन किया. बीते कुछ समय से कांग्रेस के अति पिछड़ा विभाग के द्वारा पूरे बिहार में अति पिछड़ा न्याय यात्रा के लिए कर्पूरी रथ चलाया जा रहा है. अप्रैल में राहुल गांधी ने पटना में अति पिछड़ा समाज के लोगों को संबोधित किया था. एनडीए के किले में सेंध लगाने के लिए आरजेडी और कांग्रेस टिकट बंटवारे में ईबीसी को प्राथमिकता देगी. इंडिया गठबंधन में मुकेश सहनी के रूप में अति पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा है साथ ही सीपीआई एमएल की भी इस वर्ग में अच्छी पैठ है.
अब ईबीसी के लिए अलग से घोषणापत्र जारी कर इंडिया गठबंधन बड़ा संदेश देने की कोशिश में है. कार्यक्रम में राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी और सीपीआई एमएल सांसद सुदामा प्रसाद भी मौजूद रहेंगे.
इसके बाद 26 सितंबर को इंडिया गठबंधन महिलाओं के लिए घोषणापत्र जारी करेगा जिसमें प्रियंका गांधी शामिल होंगी. विपक्षी गठबंधन ने पहले ही एलान किया हुआ है कि सरकार बनने पर महिलाओं को 2500/माह दिया जाएगा.
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