
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में "धांधली" के आरोप लगाने के 24 घंटे बाद भी चुनाव आयोग को कोई पत्र नहीं लिखा है और न ही बैठक के लिए कोई समय मांगा है. ईसीआई सूत्रों ने आज ये बताया. सूत्रों ने बताया कि प्रक्रिया के अनुसार, ईसीआई सहित कोई भी संवैधानिक निकाय औपचारिक रूप से तभी जवाब देगा, जब राहुल गांधी उन्हें पत्र लिखेंगे.
सूत्रों के अनुसार यह दिलचस्प है कि राहुल गांधी कहते हैं कि उनके द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे "बहुत गंभीर" हैं, लेकिन जब उन्हें लिखकर चुनाव आयोग को भेजने की बात आती है, तो वे "घबरा जाते हैं". लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को चुनाव आयोग से महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों के लोकसभा और विधानसभा के हालिया चुनावों के लिए समेकित, डिजिटल और मशीन-पठनीय मतदाता सूची प्रकाशित करने का अनुरोध किया और कहा कि "सच बताने" से चुनाव आयोग की विश्वसनीयता की रक्षा होगी.
राहुल गांधी के आरोप
एक्स पर एक पोस्ट में, उन्होंने महाराष्ट्र चुनावों से संबंधित अपने आरोपों पर ईसीआई की प्रतिक्रिया का उल्लेख किया और कहा, "मध्यस्थों को बिना हस्ताक्षर के, टालमटोल वाले नोट जारी करना गंभीर सवालों का जवाब देने का तरीका नहीं है." जवाब में, ईसीआई ने राहुल गांधी के महाराष्ट्र चुनाव में धांधली के दावों को "निराधार आरोप" बताया.
चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने कहा, "महाराष्ट्र की मतदाता सूची के खिलाफ लगाए गए निराधार आरोप कानून के शासन का अपमान हैं. चुनाव आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को ही कांग्रेस को दिए गए अपने जवाब में ये सभी तथ्य सामने रखे थे, जो ईसीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है. ऐसा लगता है कि बार-बार ऐसे मुद्दे उठाते समय इन सभी तथ्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है. किसी के द्वारा फैलाई जा रही कोई भी गलत सूचना न केवल कानून के प्रति अनादर का संकेत है, बल्कि अपने स्वयं के राजनीतिक दल और चुनाव के काम में लगे हजारों-लाखों चुनाव कर्मचारियों को भी हतोत्साहित करती है. मतदाता जब कभी पक्ष में फैसला नहीं देते तो चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना पूरी तरह से बेतुका है कि यह समझौता कर चुका है."
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि रायबरेली से कांग्रेस के सांसद शनिवार को चुनाव आयोग द्वारा दिए गए सत्य और तथ्यात्मक बिंदुवार खंडन से हैरान हैं. सूत्रों ने बताया, "राहुल गांधी ने वास्तव में महाराष्ट्र में अपने ही कांग्रेस द्वारा नियुक्त बूथ स्तर के एजेंटों और अपने ही कांग्रेस उम्मीदवारों द्वारा नियुक्त मतदान और मतगणना एजेंटों की आलोचना की है."
राहुल गांधी पर उठाए सवाल
सूत्र ने कहा कि देश भर में चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त 10.5 लाख बूथ लेवल अधिकारी, 50 लाख मतदान अधिकारी और 1 लाख मतगणना पर्यवेक्षक भी राहुल गांधी द्वारा लगाए जा रहे आरोपों से निराश हैं, जो उनकी ईमानदारी और कड़ी मेहनत पर सवाल उठाते हैं. राहुल गांधी द्वारा सीसीटीवी फुटेज की मांग पर सूत्रों ने कहा, "मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज की किसी भी चुनाव याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा हमेशा जांच की जा सकती है. चुनाव आयोग द्वारा यह चुनाव की अखंडता की रक्षा के साथ-साथ मतदाताओं की गोपनीयता की रक्षा के लिए किया जाता है. राहुल गांधी खुद या अपने एजेंटों के माध्यम से मतदाताओं की गोपनीयता पर आक्रमण क्यों करना चाहते हैं? क्या राहुल गांधी को अब उच्च न्यायालयों पर भी भरोसा नहीं है?"
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