कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे. प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को कांग्रेस की ओर से पत्र लिखकर इसकी सूचना दे दी गई है. राहुल गांधी को अब कैबिनेट रैंक का दर्जा मिलेगा.
बताया जाता है कि 'इंडिया' गठबंधन के घटक दलों के नेताओं की बैठक में राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाए जाने का फैसला लिया गया.
लोकसभा चुनाव के परिणाम आन के बाद से कांग्रेस नेताओं की ओर से लगातार राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग उठ रही थी. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में इसको लेकर प्रस्ताव भी पारित किया गया था. इसके बाद राहुल गांधी ने इस पर फैसला लेने को लेकर पार्टी से कुछ वक्त भी मांगा था.
राहुल गांधी संसद में रायबरेली लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे
राहुल गांधी इस बार केरल के वायनाड और उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे, लेकिन उन्होंने संसद में रायबरेली का प्रतिनिधित्व करने का फैसला किया और वायनाड सीट छोड़ दी. उन्होंने मंगलवार को लोकसभा सदस्यता की शपथ ली है.
राहुल के नेता प्रतिपक्ष बनने से कांग्रेस को मिलेगी मजबूती
राहुल गांधी के लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता बनने से कांग्रेस को नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी. उन्हें INDIA अलायंस में सहयोगियों के साथ बेहतर तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी. साथ ही लोकसभा में BJP पर विपक्ष के हमले का नेतृत्व करके कांग्रेस को भी एक मजबूत चेहरा मिलेगा.
10 सालों से खाली था नेता प्रतिपक्ष का पद
लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ने शानदार प्रदर्शन किया है. कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं. एक दशक के बाद विपक्ष के पास लोकसभा में कोई नेता होगा. ये पद 2014 से खाली पड़ा था. आखिरी बार सुषमा स्वराज 2009 से 2014 तक लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थीं, लेकिन 2014 और 2019 के चुनावों में किसी भी विपक्षी दल के 54 सांसद नहीं जीते. नियमों के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए लोकसभा की कुल संख्या का 10% यानी 54 सांसद होना जरूरी है.
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