
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (Nirmala Sitharaman) का हथेलियों से अपना चेहरा छुपाने का दृश्य सोमवार को इंटरनेट पर छाया रहा. ऐसा उस वक्त हुआ जब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बजट से पहले होने वाली परंपरागत 'हलवा सेरेमनी' का उल्लेख किया और दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों और आदिवासियों के नहीं होने का हवाला देते हुए इस परंपरा में विविधता की कमी बताई.
इसके बाद भाजपा ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी की सरकार द्वारा कथित उपेक्षा के लिए आलोचना करने को लेकर नेता प्रतिपक्ष पर पलटवार किया है. भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस का इतिहास इन समुदायों के लिए "आरक्षण में बाधा डालने के उदाहरणों से भरा है". साथ ही कांग्रेस पर "हिंदू विरोधी" होने का भी आरोप लगाया.
राहुल गांधी ने दिखाई 'हलवा सेरेमनी' की तस्वीर
राहुल गांधी ने 'हलवा सेरेमनी' की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि 20 अधिकारियों ने देश का बजट तैयार करने का काम किया और उनमें से केवल एक अल्पसंख्यक समुदाय से था और एक ओबीसी से था.
गांधी ने कहा, "20 अधिकारियों ने भारत का बजट तैयार किया है, जिसमें केवल एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी है. बजट का हलवा बांटा जा रहा है, लेकिन देश के 73% लोगों को इसमें शामिल नहीं किया गया है."
राहुल गांधी को पसंद नहीं आई वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया
इसी दौरान वित्त मंत्री ने अपने हाथ चेहरे पर रख लिए और निराशाजनक रूप से अपना सिर हिलाया. हालांकि इस पर प्रतिक्रिया देना कांग्रेस नेता को पसंद नहीं आया.
राहुल गांधी ने कहा, "वित्त मंत्री हंस रही हैं. यह काफी आश्चर्यजनक है. मैडम यह कोई हंसी की बात नहीं है. यह जातीय जनगणना के बारे में है. यह देश को बदल देगा."
उन्होंने दावा किया कि बजट का एकमात्र उद्देश्य बड़े व्यवसायों के ढांचे और लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म करने वाले राजनीतिक एकाधिकार को मजबूत करना है.
... और भाजपा ने कांग्रेस पर ऐसे किया पलटवार
इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने राजीव गांधी फाउंडेशन के बोर्ड सदस्यों की तस्वीरें एक्स पर पोस्ट कीं, जिनमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम शामिल थे. इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि इनमें से कौन ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के हैं?
उन्होंने फाउंडेशन की वेबसाइट के एक स्क्रीनशॉट के साथ एक्स पर लिखा, "राजीव गांधी फाउंडेशन बोर्ड आपके अवलोकन के लिए है. कांग्रेस और उसकी ट्रोल आर्मी के उपयोग के लिए ओबीसी, एससी और एसटी की पहचान करें." इस स्क्रीनशॉट में इसके बोर्ड के सदस्य दिख रहे हैं.
कांग्रेस पर SC-ST और OBC विरोधी होने का आरोप
भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस आजादी के बाद से ही "एससी-एसटी और ओबीसी विरोधी" रही है.
मालवीय ने कहा, "यह कांग्रेस ही थी जिसने 1957 में (पिछड़ा आयोग के लिए) केलकर समिति की सिफारिश को तब तक ठंडे बस्ते में रखा था, जब तक कि पीएम मोदी ने 2018 में ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दे दिया, वह भी कांग्रेस के विरोध के बावजूद."
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान महाभारत से समानताएं निकालीं और बजट को लेकर भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि देश में डर का माहौल है, उन्होंने भाजपा के प्रतीक का जिक्र करते हुए कहा कि देश अब "कमल के चक्रव्यूह" में फंस गया है.
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