राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा' के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को गंभीरता से लिया जा रहा है और वो किसी दिन देश का नेतृत्व करेंगे. एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान पवार ने साथ ही कहा कि दिल्ली शराब नीति में कथित अनियमितताओं के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने से विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' और मजबूत होगा.
उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में उनसे कहा था कि आम आदमी पार्टी दिल्ली की सात में से तीन सीटें कांग्रेस को देने के लिए तैयार है.
शरद पवार ने कहा कि वह 2024 में आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन दूसरों के लिये काम करेंगे. इसके साथ ही वरिष्ठ नेता ने दोहराया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हाथ मिलाने का कोई सवाल ही नहीं है.
अनुभवी नेता ने कहा, "भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी को गंभीरता से लिया जा रहा है और वह किसी दिन देश का नेतृत्व करेंगे."
पवार ने कहा कि समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. उन्होंने कहा, "हाल ही में, एक उपचुनाव (उप्र में) हुआ था, वो विधानसभा सीट भाजपा की थी, लेकिन यह (भाजपा) लगभग 60,000 मतों के अंतर से हार गई. यही वो रुझान है जो हम देख रहे हैं."
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद महा विकास आघाड़ी (एमवीए) निश्चित रूप से महाराष्ट्र में सरकार बनाएगा.
पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना, कांग्रेस और उनकी अध्यक्षता वाली राकांपा के गठबंधन वाले एमवीए ने राज्य में निर्वाचन क्षेत्र-वार विश्लेषण किया है. उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से, हम महाराष्ट्र में सरकार बनाएंगे... पिछले (लोकसभा) चुनाव में, हमें यहां केवल चार सीटें मिली थीं. लेकिन इस बार, अगर हम कम से कम 50 प्रतिशत सीटें जीत जाएं तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा."
उन्होंने कहा, "राकांपा के जो लोग भाजपा के साथ गए हैं, उन्होंने जांच एजेंसियों की धमकी के कारण ऐसा किया. जिन लोगों ने पाला बदला, उन्होंने सरकार में और सरकार के बाहर कई पदों का आनंद लिया, लेकिन जांच एजेंसियों की धमकी के कारण (भाजपा के साथ) चले गए."
उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि वह पवार ही थे, जिन्होंने राज्य में 2019 विधानसभा चुनाव के बाद सरकार गठन के गतिरोध के बीच राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी. उन्होंने कहा, "अगर उन्होंने (भाजपा) राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया तो हमें इसे मना क्यों करना चाहिए. उनके पास संख्या बल है, वे मेरी बात क्यों सुनेंगे."
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