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'रेडियो मैन', जिनका जिक्र पीएम मोदी ने 'मन की बात' में किया था; अब गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गजरौला के निवासी राम सिंह बौद्ध कुल 1257 रेडियो सेट का कलेक्शन कर चुके हैं. उनके अनोखे रेडियो संग्रहालय के कारण उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ

'रेडियो मैन', जिनका जिक्र पीएम मोदी ने 'मन की बात' में किया था; अब गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज
राम सिंह बौद्ध ने कहा कि, पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम से रेडियो को प्रसिद्ध कर दिया है.
अमरोहा:

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गजरौला निवासी राम सिंह बौद्ध (Ram Singh Baudh) का काफी पुराना सपना साकार हो गया है. कुल 1257 रेडियो सेट का कलेक्शन कर चुके राम सिंह का नाम अनोखे रेडियो संग्रहालय (Radio Museum) के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में भी बौद्ध का जिक्र कर चुके हैं. उनके पास 1920 से लेकर अभी तक के विभिन्न कंपनियों के बनाए गए विभिन्न मॉडलों के रेडियो हैं. उनमें रेडियो सेट संग्रहीत करने का जुनून है और इसलिए वे दिल्ली, मेरठ सहित देश के कई शहरों के बाजारों की खाक छानते रहे हैं. 

गिनीज रिकॉर्ड कीपर्स ने राम सिंह बौद्ध के नाम की पुष्टि करते हुए बताया कि वैसे तो उनके पास 1400 रेडियो हैं, लेकिन गिनीज की गाइडलाइन में नियम है कि सभी रेडियो सेट यूनिक होने चाहिए. कई रेडियो सेट को डुप्लीकेट होने की वजह से हटा दिया गया. इससे पहले 625 रेडियो कलेक्शन के साथ एम प्रकाश के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज था.

पीएम मोदी ने 'मन की बात' में इस संग्रहालय का जिक्र किया था. बौद्ध ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए बताया कि उन्होंने रेडियो को और भी अधिक प्रसिद्ध कर दिया है. प्रधानमंत्री की तरफ से रेडियो कलेक्शन का संज्ञान लिए जाने के बाद बौद्ध को इस साल नई दिल्ली में रिपब्लिक डे पैरेड के लिए विशेष निमंत्रण मिला. 

राम सिंह बौद्ध वेयरहाउस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के सुपरवाइजर पद से रिटायर हैं. उनका कहना है कि घर में रेडियो का म्यूजियम तैयार करके आने वाली पीढ़ियों को समाज पर इसके असर के बारे में जागरूक करना है. 

'मन की बात' से लोकप्रिय हो गया रेडियो

रामसिंह बौद्ध से इस अनोखे कलेक्शन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि, ''डाक टिकट और सिक्के तो मैं पहले से ही एकत्रित करता रहा हूं. प्रधानमंत्री जी ने 3 अक्टूबर 2014 से मन की बात कार्यक्रम शुरू किया तो मेरे मन में विचार आया कि प्रधानमंत्री जी ने टेलीविजन को छोड़कर रेडियो ही क्यों चुना. जरूर इसके पीछे कोई कारण होगा. पता चला कि आकाशवाणी की उस समय बहुत कम आय हो गई थी. 'मन की बात' कार्यक्रम शुरू हुआ तो रेडियो सुनने वालों की संख्या बढ़ी. इससे आकाशवाणी की आय बढ़ी, विज्ञापन मिलने लगे. इससे आकाशवाणी को जीवनदान मिला और रेडियो को भी जीवनदान मिला.''

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उन्होंने कहा कि, ''लोग रेडियो को भूल चुके थे. अब यदि किसी के पास रेडियो नहीं है तो वह रेडियो ऐप डाउनलोड करके रेडियो सुनता है. 'मन की बात' कार्यक्रम सुनने वालों की संख्या करीब 40 करोड़ हो चुकी है. यह बहुत बड़ी उपलब्धि है.''     

रेडियो संग्रह और इससे जुड़ा 3 अक्टूबर का दिन

बौद्ध ने बताया कि उनके पास सन 1920 से 2010 के रेडियो हैं. इस संग्रह में जापान, जर्मनी, इंग्लैंड सहित कई देशों के रेडियो हैं. उन्होंने कहा कि, ''3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी जी ने मन की बात शुरू की थी और 3 अक्टूबर से ही मैंने रेडियो का कलेक्शन शुरू किया था और आज 3 अक्टूबर को ही मुझे गिनीज बुक में रिकॉर्ड दर्ज होने पर सर्टिफिकेट मिल रहा है. इसके अलावा आज गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड्स का जन्मदिन भी है. यह 3 अक्टूबर 1955 को शुरू हुआ था. यह मेरी बड़ी उपलब्धि है. लोग मुझे रेडियो मैन के नाम से पुकारते हैं.''

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इस साल मार्च में बौद्ध ने मुरादाबाद प्राधिकरण के समक्ष आवेदन करके रेडियो म्यूजियम बनाने की अर्जी दी थी इसके बाद अमरोहा के डीएम कार्यालय की तरफ से जांच भी कराई गई थी.

(अमरोहा से अफसर अली की रिपोर्ट) 

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