- गुरुग्राम में 25 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की उनकी पिता दीपक यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी, जिसे पिता ने स्वीकार किया है.
- राधिका के परिवार ने उनकी दोस्त के उन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया कि राधिका पर किसी प्रकार की पाबंदियां या नियंत्रण था.
- राधिका की चचेरी बहन ने कहा कि यदि पाबंदियां होतीं तो वह टेनिस खेलने और घर से बाहर निकलने में सक्षम नहीं होतीं.
राधिका यादव के परिवार ने उस आरोप को सिरे से नकार दिया है कि उन पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध था. 25 साल की राधिका की गुरुग्राम में उनके ही पिता ने गोली मारकर हत्या कर दी है. परिवार का कहना है कि राधिका टेनिस खेलते हुए दुनिया भर में घूम रही थीं. उनके दो कजिन्स ने यह बात कही है. साथ ही उन्होंने उस महिला के आरोपों का भी खंडन कर दिया है जिसने खुद को राधिका की 'सबसे अच्छी दोस्त' होने का दावा किया है.
पिता कर रहे थे लाइफ कंट्रोल
रााधिका हिमांशिका सिंह राजपूत ने एक इंस्टाग्राम वीडियो में दावा किया कि स्टेट लेवल की खिलाड़ी राधिका के पिता उसकी लाइफ के हर हिस्से को कंट्रोल कर रहे थे. राधिका की एक चचेरी बहन ने कहा, 'अगर उस पर बंदिशें होतीं तो वह घर से बाहर नहीं निकल पातीं, बच्चों को ट्रेनिंग नहीं दे पातीं तो ये सारी गलत और बेबुनियाद बातें हैं.' हिमांशिका ने दावा किया है कि राधिका का परिवार अक्सर 'सामाजिक दबाव' के आगे झुक जाता था. उन्होंने आगे कहा कि राधिका के पिता अपने परिचितों के प्रभाव में आ जाते थे जो अक्सर उनकी बेटी के बारे में बुरा-भला कहते थे.
'मेरी सबसे अच्छी दोस्त'
हिमांशिका राजपूत को वीडियो में कहते हुए सुना जा सकता है, 'मेरी सबसे अच्छी दोस्त राधिका की हत्या उसके अपने पिता ने की थी. उन्होंने उसे पांच बार गोली मारी और चार गोलियां उसे लगीं. उन्होंने अपनी लगातार आलोचना और नियंत्रण से सालों तक उसका जीवन दयनीय बना रखा था. आखिरकार अपने दोस्तों की बात उन्होंने मान ली जो राधिका की सफलता से जलते थे.' गुरुवार को गुरुग्राम के सुशांत लोक इलाके में स्थित अपने दोमंजिला घर में राधिका यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 49 साल के पिता दीपक यादव ने बाद में अपनी बेटी की हत्या की बात कबूल कर ली और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
समाज से डरता था परिवार
अधिकारियों के अनुसार, पिता ने कबूल किया कि उसने राधिका पर गोली इसलिए चलाई क्योंकि उसे अक्सर उसकी कमाई पर गुजारा करने के लिए ताने मारे जाते थे. पुलिस ने एक बयान में दावा किया कि राधिका की तरफ से चलाई जा रही टेनिस एकेडमी ही पिता और बेटी के बीच विवाद का कारण थी. हिमांशिका ने दावा किया, 'राधिका को वीडियो और रील पोस्ट करना बहुत पसंद था, लेकिन आखिरकार यह बंद हो गया. उसका परिवार अक्सर उस पर दबाव डालता था, कहता था, 'लोग क्या कहेंगे?' उन्हें लगभग हर चीज से दिक्कत थी और उन्होंने राधिका को उसकी पसंद की चीजें करने से रोक दिया था. यहां तक कि उस पर कर्फ्यू भी लगा दिया था.'
परिवार ने कहा, कोई पाबंदियां नहीं थीं
राधिका के परिवार ने हिमांशिका की हर बात को खारिज कर दिया है. राधिका के एक और चचेरे भाई ने कहा, 'हिमांशिका राजपूत जी गलत बयान दे रही हैं. अगर पारिवारिक पाबंदियां होतीं, तो वह टेनिस खेलने के लिए घर से बाहर भी नहीं निकल पातीं.' उनके चचेरे भाई ने कहा, 'दुनिया में शायद ही कोई ऐसा देश बचा हो जहां वह खेलने न गई हो. वीजा जरूरी है, टिकट भी बुक होते हैं, ये सब फ्री नहीं होता है. परिवार ने भी पैसा लगाया है, मेहनत भी की है. राधिका ने भी खूब मेहनत की है. मीडिया में गलत बयान दिए जा रहे हैं कि पाबंदियां थीं. परिवार में ऐसा कुछ नहीं है.' पुलिस ने बताया कि तीन डॉक्टरों के बोर्ड की तरफ से हुई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, राधिका को चार गोलियां लगीं, तीन पीठ में और एक कंधे में.
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