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कतर में 8 भारतीयों की सजा के मामले में कानूनी टीम को मिला 60 दिन का समय : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को पिछले सप्ताह कतर की एक अदालत की ओर से सुनाई गई जेल की सजा के खिलाफ अपील करने के लिए 60 दिन का समय दिया गया है. 

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कतर में 8 भारतीयों की सजा के मामले में कानूनी टीम को मिला 60 दिन का समय : विदेश मंत्रालय
कतर में 8 भारतीयों की सजा के मामले में कानूनी टीम को मिला 60 दिन का समय : विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली: जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को पिछले सप्ताह कतर की एक अदालत की ओर से सुनाई गई जेल की सजा के खिलाफ अपील करने के लिए 60 दिन का समय दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी. कतर की अपीलीय अदालत ने 28 दिसंबर को जासूसी के एक कथित मामले में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की मौत की सजा को कम कर दिया था और उन्हें अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा सुनाई थी. यह फैसला भारतीय नागरिकों के परिवारों के सदस्यों की तरफ से एक अन्य अदालत के पहले के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने के कुछ सप्ताह बाद आया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि भारतीय नागरिकों की कानूनी टीम को अदालत के आदेश की एक प्रति प्राप्त हुई जिसे उन्होंने ‘‘गोपनीय दस्तावेज'' बताया. 

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘कतर की एक अपीलीय अदालत ने 28 दिसंबर को फैसला सुनाया था. इसके बाद, हमने एक प्रेस रिलीज जारी की जिसमें बताया गया कि मृत्युदंड की सजा को कम कर दिया गया है. अब, हमारे पास आदेश है, जो एक गोपनीय दस्तावेज है. कतर की अदालत ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 60 दिन का समय दिया है.''

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम आपके सामने इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि मृत्युदंड की सजा को अब आठ भारतीय नागरिकों के लिए अलग-अलग जेल की सजा में बदल दिया गया है. हम परिवार के सदस्यों के संपर्क में हैं. हम कानूनी टीम के भी संपर्क में हैं.''

यह पता चला है कि भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मियों को दी गई जेल की सजा तीन साल से 25 साल तक थी. नौसेना के पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर को कतर की अदालत की ओर से मौत की सजा दी गई थी. निजी कंपनी ‘अल दहरा' में काम करने वाले भारतीय नागरिकों को कथित तौर पर जासूसी के एक कथित मामले में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को न तो कतर के अधिकारियों और न ही भारत ने सार्वजनिक किया था. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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