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Puri Fire Incident: लड़की के हाथ बंधे थे, मुंह में ठूंसा था कपड़ा और कर दिया था आग के हवाले, बदमाशों की दरिंदगी जान कांप उठेगी रूह

लड़की के परिवार से संपर्क करने वाले और लड़की पर लगी आग को बुझाने वाले दुखीश्याम सेनापत ने कहा, "लड़की जब मेरे घर की ओर दौड़ी तो वह जल रही थी. उसके हाथ बंधे हुए थे और वह बहुत ज्यादा जल गई थी. मेरी पत्नी, बेटी और मैंने आग बुझाई और उसे नए कपड़े दिए. फिर मैंने उससे बात की. उसने मुझे बताया कि वह पास के गांव में रहती है."

Puri Fire Incident: लड़की के हाथ बंधे थे, मुंह में ठूंसा था कपड़ा और कर दिया था आग के हवाले, बदमाशों की दरिंदगी जान कांप उठेगी रूह
  • पुरी में 15 साल की लड़की को तीन बाइक सवारों ने जबरन ले जाकर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी थी, वह गंभीर रूप से झुलस गई
  • लड़की के हाथ बंधे थे और मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था, जिससे वह मदद के लिए आवाज नहीं लगा पाई थी
  • पीड़ित लड़की को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र से एम्स भुवनेश्वर भेजा गया, जहां से एयरलिफ्ट कर दिल्ली के एम्स ले जाया गया
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पुरी:

ओडिशा के पुरी में शनिवार को एक 15 साल की लड़की को आग में झुलसा दिया गया और इस दौरान आग की लपटें उसकी त्वचा को झुलसा रही थी. उसके हाथ बंधे हुए थे और मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था. वह आस-पास सड़क पर भाग रही थी और उसकी आंखें मदद के लिए चीख रही थीं.

एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में लड़की के परिवार से संपर्क करने वाले और लड़की पर लगी आग को बुझाने वाले दुखीश्याम सेनापत ने कहा, "लड़की जब मेरे घर की ओर दौड़ी तो वह जल रही थी. उसके हाथ बंधे हुए थे और वह बहुत ज्यादा जल गई थी. मेरी पत्नी, बेटी और मैंने आग बुझाई और उसे नए कपड़े दिए. फिर मैंने उससे बात की. उसने मुझे बताया कि वह पास के गांव में रहती है."

यह पूछे जाने पर कि क्या लड़की को देखने से पहले उन्होंने कोई चीख सुनी थी? तो इस पर उन्होंने कहा कि अपराधियों ने लड़की के हाथ बांध दिए थे और उसका मुंह बंद कर दिया था. उन्होंने कहा, "हमने कुछ नहीं सुना. उसका मुंह बंद था और उसके हाथ बंधे हुए थे. उसने मुझे बताया कि दो बाइकों पर सवार तीन लोग उसे जबरन यहां लाए, उस पर मिट्टी का तेल डाला और आग लगा दी."

शुरुआती जांच के अनुसार, बाइक सवार तीन लोगों ने लड़की को रोका, उसे जबरन नदी किनारे ले गए और फिर उसे आग लगा दी. लड़की किसी तरह अपराधियों के चंगुल से छूटकर भागने में कामयाब रही, वह अभी भी जल रही थी. अपराधी मौके से भाग गए और अब भी फरार हैं. लड़की 70 प्रतिशत जल चुकी है और उसे इलाज के लिए दिल्ली के एम्स ले जाया गया है.

सेनापति ने कहा कि लड़की बहुत दर्द में थी और उन्हें केवल इतना बता पाई कि लोगों ने उसे आग लगा दी थी. उन्होंने कहा, "मैं भी हमलावरों की तलाश में इधर-उधर गया, लेकिन वे भाग चुके थे. फिर मैंने लड़की के परिवार से संपर्क किया और पुलिस को बुलाया. फिर हम उसे पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां से उसे एम्स भुवनेश्वर भेज दिया गया."

पुरी में यह चौंकाने वाली घटना ओडिशा के बालासोर जिले में एक कॉलेज छात्रा द्वारा एक संकाय सदस्य द्वारा यौन उत्पीड़न और कॉलेज प्रशासन की निष्क्रियता के विरोध में आत्मदाह करने के बाद हुई है. बालासोर की छात्रा की गंभीर रूप से जलने के कारण मृत्यु हो गई.

पुरी की इस किशोरी को आज बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट करके दिल्ली के एम्स ले जाया गया है. पुलिस उपायुक्त जगमोहन मीणा ने मीडिया को बताया कि मरीज को एम्स भुवनेश्वर से बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर खाली कराया गया था. एम्बुलेंस ने 11 किलोमीटर की दूरी 12 मिनट में तय की और एक एयर एम्बुलेंस उसे राष्ट्रीय राजधानी ले गई. एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक आशुतोष बिस्वास ने उसके रवाना होने से पहले संवाददाताओं को बताया, "मरीज की हालत स्थिर है और उसका रक्तचाप, जो कल कम था, अब सुधर गया है. उसे सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया जा गया है."

लड़की अब बोल सकती है और पुलिस ने उसका बयान दर्ज कर लिया है और अपनी जांच तेज कर दी है. उसकी मां ने शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उसने कहा है कि किशोरी ने स्कूल छोड़ दिया था और उसके पिता मोटर मैकेनिक हैं. मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने कहा है कि वह पुरी की घटना से "बेहद दुखी" हैं और भगवान जगन्नाथ से लड़की के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करेंगे.

विपक्षी दल बीजद ने भाजपा नीत राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है. पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि यह घटना बालासोर त्रासदी के एक हफ़्ते के भीतर हुई है. उन्होंने कहा, "ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ ऐसी अकल्पनीय घटनाएं अब लगभग रोजाना सामने आ रही हैं. ये हिंसा के छिटपुट मामले नहीं हैं. चौंकाने वाली नियमितता के साथ हो रही ये घटनाएं शासन की गहरी व्यवस्थागत विफलता की ओर इशारा करती हैं. यह दर्शाता है कि वर्तमान सरकार के शासन में अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं और उन्हें सजा मिलने की कोई चिंता नहीं है. यह दर्शाता है कि सरकारी निष्क्रियता और राजनीतिक संरक्षण के कारण ओडिशा महिलाओं के लिए कितना असुरक्षित होता जा रहा है."

पटनायक ने कहा, "क्या ओडिशा सरकार इस गहरी नींद से जागेगी और अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए त्वरित कार्रवाई करेगी? और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या सरकार ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कोई कदम उठाएगी? ओडिशा की लड़कियां और महिलाएं जवाब का इंतजार कर रही हैं."

देव कुमार घोष का इनपुट

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