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This Article is From Jul 03, 2021

पंजाबः पॉवर कट पर अपनी ही सरकार को घेरने वाले सिद्धू पर 8 लाख का बिजली बिल बकाया

पंजाब में जारी बिजली संकट पर अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरने वाले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू खुद घिर गए हैं. सिद्धू ने बिजली विभाग का 8 लाख से अधिक बकाया शुल्क जमा नहीं किया है. विभाग के पूछे जाने पर सिद्धू की तरफ से कोई जवाब भी नहीं आया है.

पंजाबः पॉवर कट पर अपनी ही सरकार को घेरने वाले सिद्धू पर 8 लाख का बिजली बिल बकाया
बिजली संकट पर अपनी ही सरकार को घेरने वाले सिद्धू पर 8 लाख बिजली बकाया. (फाइल फोटो)
चंडीगढ़:

पंजाब में जारी बिजली संकट (Punjab Power Cut) पर अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरने वाले कांग्रेस (Congress) नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) पर 8 लाख से ज्यादा का बिजली बिल बकाया है. सिद्धू ने कल शुक्रवार को पंजाब में बिजली की स्थिति पर अपनी ही पार्टी की सरकार की आलोचना की थी. पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) की वेबसाइट के अनुसार, उनके अमृतसर (Amritsar) स्थित घर के ₹ 8,67,540 के बिजली शुल्क (Navjot Singh Sidhu Electricity Bill) का भुगतान किया जाना बाकी है. भुगतान करने की अंतिम तिथि बीत चुकी है.

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सूत्रों के मुताबिक, क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू पर पिछले साल से 17 लाख रुपये से ज्यादा का बिजली बिल बकाया है. उन्होंने मार्च में ₹ 10 लाख का भुगतान किया और अब उनका बकाया लगभग 9 लाख हो गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई मुताबिक विभाग द्वारा बार-बार प्रयास करने के बावजूद भी सिद्धू की तरफ से बकाया बिल पर कोई जवाब नहीं आया.

बता दें कि पंजाब अनिर्धारित बिजली कटौती के दौर से गुजर रहा है. सिद्धू ने राज्य के बिजली संकट को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर हमला करते हुए नौ ट्वीट किए हैं. ट्वीट में उन्होंने लिखा, "पंजाब में बिजली कटौती की जरूरत नहीं है या मुख्यमंत्री को कार्यालय के समय या आम लोगों के एसी के इस्तेमाल को नियंत्रित करने की जरूरत नहीं है...'' अमरिंदर सिंह बिजली मंत्रालय के प्रभारी हैं. सिद्धू को बिजली मंत्रालय की पेशकश की गई थी, जब उन्होंने 2019 में इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने इसे राज्य सरकार में अपनी भूमिका में गिरावट के रूप में देखा था.

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पंजाब सरकार ने गुरुवार को सरकारी कार्यालयों के समय को कम कर दिया था और उच्च ऊर्जा खपत वाले उद्योगों को बिजली आपूर्ति में कटौती का आदेश दिया था क्योंकि राज्य में बिजली की मांग एक दिन में 14,000 मेगावाट से अधिक हो गई थी. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का बिजली की कमी एक बड़ा चुनावी मुद्दा है. यहां तक ​​​​कि अगर पार्टी अगले साल की शुरुआत में चुनाव जीतती है तो हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया गया है.

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