
राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें 121 शिक्षकों ने डमी कैंडिडेट बैठाकर सरकारी नौकरी हासिल की. चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 114 फर्जी शिक्षक अकेले जालोर जिले से हैं.
फर्जीवाड़े की जांच और खुलासे
प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर की जांच में यह खुलासा हुआ है कि साल 2016, 2018 और 2021 की शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली हुई. जांच में पाया गया कि परीक्षा देने वाले व्यक्ति और नौकरी कर रहे व्यक्ति अलग-अलग थे. इसके अलावा, कई शिक्षकों के फोटो और हस्ताक्षर भी मेल नहीं खा रहे थे.
राज्य सरकार के निर्देश पर पिछले 5 वर्षों की भर्तियों की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटियां बनाई गई थीं. इन कमेटियों को कई मामलों में डिग्री और रीट प्रमाणपत्र भी संदिग्ध मिले. निदेशालय ने अपनी दो जांच रिपोर्टें एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) को भेजी हैं.
एफआईआर और संदिग्ध शिक्षकों की संख्या
- एसओजी ने इन रिपोर्टों के आधार पर दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं
- पहली एफआईआर: इसमें 49 शिक्षकों को नामजद किया गया है
- दूसरी एफआईआर: इसमें 72 शिक्षकों को नामजद किया गया है
- इन 121 संदिग्ध शिक्षकों में से सबसे ज्यादा 114 जालोर से हैं. इसके अलावा, उदयपुर से 4, पाली से 2 और जयपुर से 1 शिक्षक भी इसमें शामिल है. मामले की जांच की जिम्मेदारी एसओजी के डीएसपी जितेंद्र नावरिया को सौंपी गई है.
किस परीक्षा में कितने संदिग्ध?
जांच में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के तहत संदिग्ध पाए गए शिक्षकों की संख्या इस प्रकार है:
- रीट 2021 लेवल-1: 11
- रीट 2016 लेवल-1: 2
- रीट 2022 लेवल-1: 43
- रीट 2018 लेवल-1: 54
- रीट 2022 लेवल-2: 6
- रीट 2018 लेवल-2: 5
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