मुश्किल घड़ी में कांग्रेस को AAP का ऑफर, कर्नाटक सरकार को 'चावल' देकर पक्की होगी दोस्ती?

कर्नाटक सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले लोगों को 10 किलो चावल देने का ऐलान किया है. केंद्र सरकार 'अन्न भाग्य योजना' के जरिए पहले से ही बीपीएल परिवारों को 5 किलो चावल दे रही है. ऐसे में केंद्र ने अतिरिक्त 5 किलो चावल मुहैया कराने से इनकार कर दिया है.

मुश्किल घड़ी में कांग्रेस को AAP का ऑफर, कर्नाटक सरकार को 'चावल' देकर पक्की होगी दोस्ती?

अरविंद केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं.

नई दिल्ली:

कर्नाटक में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस में '5 गारंटी स्कीम' (Congress 5 Guarantee) के तहत मुफ्त चावल योजना को लागू करने को लेकर जुबानी जंग छिड़ी हुई है. इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की आजमाइश पर 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक होने जा रही है. इस बैठक में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का रिश्ता फोकस में रहेगा. सवाल यह है कि क्या चावल का मुद्दा आप शासित पंजाब से लेकर कांग्रेस शासित कर्नाटक के बीच की दूरी को खत्म कर सकता है?

दरअसल, कांग्रेस ने दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र के अध्यादेश पर आप के कैंपेन पर कोई स्टैंड लेने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र ने अध्यादेश जारी किया था. इसके जरिए दिल्ली सरकार की शक्तियों को कम कर दिया गया है. केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर उनका समर्थन मांग रहे हैं, ताकि राज्यसभा में इस अध्यादेश को पास होने से रोका जा सके. लेकिन कांग्रेस ने इसपर कोई स्टैंड लेने से इनकार कर दिया है. जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम जैसे कांग्रेस की कट्टर सहयोगी पार्टियों समेत कई क्षेत्रीय दलों ने अध्यादेश पर आप का समर्थन किया है.

हालांकि, चावल मुद्दे पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को पंजाब की आप सरकार का समर्थन मिला है. पंजाब में भगवंत मान सरकार ने सिद्धारमैया सरकार से संपर्क किया और गारंटी योजना के लिए चावल देने की पेशकश की. 

आप के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वी रेड्डी ने कहा कि आम आदमी पार्टी शासित पंजाब सरकार कर्नाटक में चावल की कमी की समस्या को दूर करने के लिए पूरा सहयोग देगी. आप की कर्नाटक इकाई ने कहा कि भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार योजना को लागू करने के लिए जरूरी चावल मुहैया करके कर्नाटक की मदद करने को तैयार है.

दरअसल, कर्नाटक में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में 5 गारंटी स्कीम का जोरशोर से प्रचार किया था. इन वादों को पूरा करने के लिए कर्नाटक में नवनिर्वाचित सिद्धारमैया सरकार ने अपनी 'अन्न भाग्य' योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के सभी परिवारों को 1 जुलाई से अतिरिक्त 5 किलोग्राम चावल देने की घोषणा की थी.

राज्य सरकार ने भारतीय खाद्य निगम से खुले बाजार में बिक्री योजना के तहत 2.28 लाख मीट्रिक टन चावल प्राप्त करने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन केंद्र सरकार ने 13 जून से राज्य सरकारों को चावल की बिक्री बंद करने का ऐलान कर दिया. ऐसा एफसीआई द्वारा कर्नाटक को चावल बेचने के लिए सहमत होने के ठीक एक दिन बाद हुआ.

केंद्र सरकार के इस कदम ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को एक मुश्किल स्थिति में ला दिया है. कांग्रेस सरकार ने केंद्र पर "बदले की राजनीति" करने का आरोप लगाया है. कल्याणकारी योजनाओं के वितरण का दायित्व राज्य सरकार पर है. इसे 1 जुलाई से योजना को लागू करने के लिए चावल की सख्त जरूरत है. ये योजना खुद सीएम सिद्धारमैया के लिए प्रतिष्ठा का विषय भी है.

ऐसे में कर्नाटक अन्य राज्यों से चावल की सप्लाई लेने के लिए भी तैयार है. इसी बीच पंजाब ने कर्नाटक को चावल देने की पेशकश की है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कथित तौर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस बारे में बात की है. कहा जा रहा है कि कर्नाटक की एक टीम पंजाब सरकार के इस प्रस्ताव का मूल्यांकन कर रही है.

पंजाब से चावल लेने के लिए कर्नाटक को परिवहन लागत और खरीद लागत पर काम करना पड़ सकता है. यह स्पष्ट नहीं है कि चावल की पेशकश से दोनों पार्टियों के बीच कटु राजनीतिक संबंधों में कुछ मिठास आएगी या नहीं, लेकिन कई विपक्षी नेताओं को उम्मीद है कि ऐसा हो सकता है. आप और कांग्रेस को साथ लाना संयुक्त विपक्ष के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

ध्यान इस बात पर भी है कि क्या नीतीश कुमार अपनी पार्टी के वरिष्ठ दिवंगत जॉर्ज फर्नांडीस की तरह गठबंधन निर्माता की भूमिका निभा सकते हैं. क्या नीतीश कुमार थोड़े चावल से आप और कांग्रेस के बीच दोस्ती की तलाश कर पाएंगे.

ये भी पढ़ें:-

23 जून को पटना में विपक्ष की बैठक - आधी लड़ाई जीत ली, या सिर्फ पहला कदम ही आगे बढ़े हैं?

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की एक 'गारंटी' में अड़ंगा! केंद्र के साथ चावल को लेकर छिड़ा विवाद