महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने गुरुवार को कहा कि पिछले सप्ताह पुणे में विस्फोट के लिए प्रयोग किया गया बम अमोनियम नाइट्रेट और पोटैशियम क्लोरेट के मिश्रण से बनाया गया था और पीड़ितों को गहरी चोट देने के लिए इसमें छोटे बॉलबेयरिंग के टुकड़े रखे गए थे।
एटीएस ने कहा कि इस बम में जिलेटिन या आरडीएक्स का प्रयोग नहीं किया गया था।
एटीएस के प्रमुख हिमांशु राय ने कहा, 'हमें मिली फोरेंसिक रिपोर्ट से संकेत मिलते हैं कि (पुणे में) फटा आईईडी अमोनियम नाइट्रेट और पोटैशियम क्लोरेट का मिश्रण था। (गहरी चोट देने के लिए) छोटे बॉलबेयरिंग का प्रयोग किया गया। लेकिन, बम में जिलेटिन, आरडीएक्स या ट्राईनाइट्रोटोलीन नहीं था।'
उन्होंने कहा कि कम तीव्रता के बम में विस्फोट के लिए घड़ी का उपयोग भी किया गया।
राय ने कहा कि अगर साजिशकर्ताओं ने इस विस्फोट की अपनी साजिश का सही अनुमान लगाया होता तो आईईडी और ज्यादा क्षति पहुंचा सकता था।
उन्होंने कहा, 'मेरी समझ यह है कि विस्फोट के कारण और ज्यादा नुकसान हो सकता था। लेकिन ज्यादा असर जमीन पर हुआ। जिस तरह से बम फटा उससे लगता है कि किसी ने इसका गलत अनुमान लगाया।'
विस्फोट को पहली नजर में आतंकी हमला बताया गया है, लेकिन जांचकर्ताओं ने अभी साजिशकर्ताओं की पहचान नहीं की है।
राय ने कहा, 'हम फिलहाल किसी खास संगठन पर इस विस्फोट के लिए शक की सुई नहीं रख सकते, लेकिन जांच खास दिशा में हुई है।' 10 जुलाई को फरासखाना पुलिस थाने के पार्किंग स्थल में खड़ी एक मोटरसाइकिल में रखे गए आईईडी से विस्फोट हुआ जिसमें एक पुलिस कांस्टेबल सहित पांच लोग घायल हुए।
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