पहलवान साक्षी मलिक मीडिया से कहा, "पीटी ऊषा की टिप्पणी से हम आहत महसूस कर रहे हैं. वह खुद एक महिला होने के बावजूद हमारा समर्थन नहीं कर रही हैं. हमने क्या अनुशासनहीनता दिखाई है? हम यहां शांति से बैठे हैं. अगर हमें न्याय मिलता, तो हम ऐसा नहीं करते."
वहीं, पहलवान विनेश फोगट ने आरोप लगाया कि उन्होंने मामले पर चर्चा करने के लिए पीटी ऊषा को फोन किया था, लेकिन उन्होंने कॉल का जवाब नहीं दिया. हम नहीं जानते कि क्या वह किसी प्रकार के दबाव में है." वहीं बजरंग पुनिया ने कहा कि हम न्याय के लिए तीन महीने से इंतजार कर रहे हैं. ऐसे कड़े बयान की उम्मीद नहीं थी.
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ FIR की मांग
महिला पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रही हैं. पहलवान विनेश फोगट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, रवि दहिया और दीपक पुनिया धरने दे रहे हैं. उन्होंने पीटी उषा को इस मामले पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए भी चिट्ठी लिखी है. इस बीच बीजेपी सांसद और WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों के सभी आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कड़ा संघर्ष करेंगे.
सड़क पर विरोध देश के लिए अच्छा नहीं-पीटी ऊषा
पीटी उषा ने धरने पर ऐतराज जताते हुए कहा कि पहलवानों को सार्वजनिक विरोध पर बैठने का फैसला करने से पहले कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि ऐसा विरोध अनुशासनहीनता के बराबर है. पीटी उषा ने कहा, "खिलाड़ियों को सड़कों पर विरोध नहीं करना चाहिए था. उन्हें कम से कम कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था. उन्होंने जो किया है वह खेल और देश के लिए अच्छा नहीं है. यह एक नकारात्मक दृष्टिकोण है."
छह सदस्यीय कमेटी का हुआ था गठन
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI)और उसके चीफ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए कमेटी बनाई थी. कमिटी को युवा मामले और खेल मंत्रालय को जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था. कमेटी ने 5 अप्रैल रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन मंत्रालय ने अभी तक छह सदस्यीय कमेटी के निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया है.
'सरकार खिलाड़ियों की मदद करती है'
इस बीच अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा, "नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में खिलाड़ियों के लिए उत्कृष्ट काम किया है. सरकार खिलाड़ियों की मदद के लिए बहुत खर्च करती है. लगभग 3000 खिलाड़ियों को उनके रहने और ट्रेनिंग पर 5 लाख रुपये मिलते हैं. उन्हें व्यक्तिगत खर्च के लिए 1.20 लाख रुपये भी मिलते हैं."
हमारी प्राथमिकता खेल और खिलाड़ी- अनुराग ठाकुर
ठाकुर ने कहा, "कुछ पहलवान जंतर-मंतर में धरना दे रहे थे. उनसे किसने बात की? मैंने हिमाचल प्रदेश में अपने सभी कार्यक्रम छोड़ दिए और उन्हें 12 घंटे सुना. एक दिन में सात घंटे, अगले दिन पांच घंटे. हमने देर रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. फिर एक कमेटी बनाई. मोदी सरकार खिलाड़ियों के साथ खड़े होने और उनकी मदद करने के बारे में बहुत स्पष्ट है. हमारे लिए प्राथमिकता खेल और खिलाड़ी हैं. हम उनके साथ समझौता नहीं करेंगे."
पहलवानों ने पीएम मोदी से मांगा वक्त
इस बीच प्रदर्शनकारी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के चीफ और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर चर्चा करने के लिए पीएम मोदी से मुलाकात का वक्त भी मांगा है.
'हमारी मन की बात सुनें पीएम मोदी'
साक्षी मलिक ने मीडिया से कहा, "पीएम मोदी सर 'बेटी बचाओ' और 'बेटी पढ़ाओ' के बारे में बात करते हैं. सभी के 'मन की बात' सुनते हैं. क्या वह हमारे 'मन की बात' नहीं सुन सकते? जब हम मेडल जीतते हैं तो वह हमें अपने घर आमंत्रित करते हैं. हमारा बहुत सम्मान करते हैं और हमें अपनी बेटियां कहते हैं. आज, हम उनसे अपील करते हैं कि वह हमारी 'मन की बात' सुनें."
बृजभूषण ने जारी किया वीडियो मैसेज
दूसरी ओर, बृजभूषण शरण सिंह ने अपने खिलाफ लगे आरोपों का जिक्र करते हुए एक वीडियो मैसेज जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा कि वह पहलवानों को गलत साबित करने के लिए लड़ेंगे. सिंह ने कहा, "दोस्तों, जिस दिन मैं अपने जीवन पर विचार करूंगा कि मैंने क्या पाया या क्या खोया, जिस दिन मुझे लगेगा कि मुझमें लड़ने की ताकत नहीं है, जिस दिन मैं खुद को असहाय महसूस करूंगा, मैं उस तरह का जीवन नहीं जीना चाहूंगा. ऐसा होने से पहले मैं चाहता हूं कि मौत मुझे गले लगा ले."
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