नई दिल्ली:
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को सरकार से पाकिस्तान को पांच भारतीय जवानों की हत्या का माकूल जवाब देने और पड़ोसी मुल्क के साथ सभी प्रकार की वार्ता रोकने के लिए कहा।
पार्टी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के समीप चक्कां-दा-बाग सेक्टर में बीती मध्य रात्रि को हुए हमले के खिलाफ रक्षा मंत्री एके एंटनी के आवास पर मंगलवार को प्रदर्शन किया।
घटना पर रक्षा मंत्री एंटनी द्वारा स्वत: बयान दिए जाने के बाद राज्य सभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, "यह कोई अकेली घटना नहीं है। इससे पहले जवानों के सिर काट लेने की घटना घट चुकी है। हम सरबजीत सिंह को पाकिस्तान की जेल में हत्या किए जाने का सामना कर चुके हैं। हमने सीमा पार से आतंकवाद की कई घटनाओं का सामना कर चुके हैं।"
जेटली ने कहा, "पाकिस्तान को यह बताने के लिए कि यह मंजूर नहीं किया जा सकता, भारत को अपनी विदेश नीति को दुरुस्त करने की जरूरत है। कड़ाई से जवाब देने का समय आ गया है।" उन्होंने रक्षा मंत्री की इस दलील की भी निंदा की कि पाकिस्तानी सेना के वेश में आतंकवादियों ने भारतीय जवानों पर हमला किया।
जेटली ने कहा, "मंत्री ने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों की वर्दी पहने लोगों ने भारतीय सेना के जवानों की हत्या की है। मैं उम्मीद करता हूं कि यह मुद्रण की गलती जैसी कोई चूक नहीं है।" उन्होंने कहा, "जब आप ऐसा कह रहे होते हैं तब आप पाकिस्तान को यह कहने का मौका दे रहे होते हैं कि यह अराजक तत्वों का कारनामा है। पाकिस्तान में अराजक तत्वों और सत्ता नियंत्रित तत्वों में भेद करना कठिन है।"
यह बयान तब आया जब घटना को लेकर लोकसभा और राज्य सभा में कामकाज बाधित रहा। भाजपा नेताओं ने रज्य सभा में 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे तक लगाए।
सरकार से पाकिस्तान को कठोर भाषा में संदेश देने की मांग की करते हुए यशवंत सिन्हा यहां तक कह गए कि कांग्रेस बताए कि वह देश के साथ है या पाकिस्तान के साथ।
लोकसभा ने सिन्हा ने सवाल उठाया, "सरकार यह साफ करे कि कांग्रेस पाकिस्तान के साथ है या भारत के साथ।" उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सदन में बयान देने की मांग की। उन्होंने कहा, "जनवरी से ही हमारी सेना पर हमले हो रहे हैं। इस संसद, इस देश के पास ताकत है। हमें उसी भाषा में जवाब देना चाहिए।"
भाजपा नेताओं ने इससे पहले कहा कि सरकार पाकिस्तान के साथ सभी वार्ता रोक दे। भाजपा नेता एम. वेंकैया नायडू और शाहनवाज हुसैन ने पाकिस्तान के मुतल्लिक भारत के कड़े रुख की मांग की।
नायडू ने कहा, "सरकार पाकिस्तान के प्रति नरम रवैया अपना रही है। वे हिंसात्मक हो रहे हैं और हमारी सरकार शांत बैठी है।" उन्होंने कहा, "भारत को असहाय बनाने की यह भारत की सोची समझी नीति है।"
हुसैन ने कहा, "सीमा पर यदि एक भी गोली चलती है तो पाकिस्तान के साथ वार्ता नहीं होनी चाहिए। आप हमारे सैनिकों की हत्या करने के बाद वार्ता नहीं कर सकते।"
भारत और पाकिस्तान इस माह के बाद अपनी वार्ता बहाली प्रक्रिया के तहत बातचीत करेंगे। सितंबर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ की न्यूयार्क में मुलाकात हो सकती है।
पार्टी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के समीप चक्कां-दा-बाग सेक्टर में बीती मध्य रात्रि को हुए हमले के खिलाफ रक्षा मंत्री एके एंटनी के आवास पर मंगलवार को प्रदर्शन किया।
घटना पर रक्षा मंत्री एंटनी द्वारा स्वत: बयान दिए जाने के बाद राज्य सभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, "यह कोई अकेली घटना नहीं है। इससे पहले जवानों के सिर काट लेने की घटना घट चुकी है। हम सरबजीत सिंह को पाकिस्तान की जेल में हत्या किए जाने का सामना कर चुके हैं। हमने सीमा पार से आतंकवाद की कई घटनाओं का सामना कर चुके हैं।"
जेटली ने कहा, "पाकिस्तान को यह बताने के लिए कि यह मंजूर नहीं किया जा सकता, भारत को अपनी विदेश नीति को दुरुस्त करने की जरूरत है। कड़ाई से जवाब देने का समय आ गया है।" उन्होंने रक्षा मंत्री की इस दलील की भी निंदा की कि पाकिस्तानी सेना के वेश में आतंकवादियों ने भारतीय जवानों पर हमला किया।
जेटली ने कहा, "मंत्री ने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों की वर्दी पहने लोगों ने भारतीय सेना के जवानों की हत्या की है। मैं उम्मीद करता हूं कि यह मुद्रण की गलती जैसी कोई चूक नहीं है।" उन्होंने कहा, "जब आप ऐसा कह रहे होते हैं तब आप पाकिस्तान को यह कहने का मौका दे रहे होते हैं कि यह अराजक तत्वों का कारनामा है। पाकिस्तान में अराजक तत्वों और सत्ता नियंत्रित तत्वों में भेद करना कठिन है।"
यह बयान तब आया जब घटना को लेकर लोकसभा और राज्य सभा में कामकाज बाधित रहा। भाजपा नेताओं ने रज्य सभा में 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे तक लगाए।
सरकार से पाकिस्तान को कठोर भाषा में संदेश देने की मांग की करते हुए यशवंत सिन्हा यहां तक कह गए कि कांग्रेस बताए कि वह देश के साथ है या पाकिस्तान के साथ।
लोकसभा ने सिन्हा ने सवाल उठाया, "सरकार यह साफ करे कि कांग्रेस पाकिस्तान के साथ है या भारत के साथ।" उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सदन में बयान देने की मांग की। उन्होंने कहा, "जनवरी से ही हमारी सेना पर हमले हो रहे हैं। इस संसद, इस देश के पास ताकत है। हमें उसी भाषा में जवाब देना चाहिए।"
भाजपा नेताओं ने इससे पहले कहा कि सरकार पाकिस्तान के साथ सभी वार्ता रोक दे। भाजपा नेता एम. वेंकैया नायडू और शाहनवाज हुसैन ने पाकिस्तान के मुतल्लिक भारत के कड़े रुख की मांग की।
नायडू ने कहा, "सरकार पाकिस्तान के प्रति नरम रवैया अपना रही है। वे हिंसात्मक हो रहे हैं और हमारी सरकार शांत बैठी है।" उन्होंने कहा, "भारत को असहाय बनाने की यह भारत की सोची समझी नीति है।"
हुसैन ने कहा, "सीमा पर यदि एक भी गोली चलती है तो पाकिस्तान के साथ वार्ता नहीं होनी चाहिए। आप हमारे सैनिकों की हत्या करने के बाद वार्ता नहीं कर सकते।"
भारत और पाकिस्तान इस माह के बाद अपनी वार्ता बहाली प्रक्रिया के तहत बातचीत करेंगे। सितंबर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ की न्यूयार्क में मुलाकात हो सकती है।
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