हरियाणा में कई स्थानों से किसानों के आंदोलन से जुड़ी चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. हजारों प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं और पुलिस उन्हें रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. आंसू गैस के गोले ले जाने वाले ड्रोन से लेकर पानी की बौछारें करने तक, हरियाणा पुलिस ये सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है कि किसान दिल्ली जाने के रास्ते में राज्य में प्रवेश न कर सकें.
सामने आ रहे वीडियो में कुरुक्षेत्र में प्रदर्शनकारियों को सीमेंट अवरोध को हटाने के लिए ट्रैक्टर का उपयोग करते हुए देखा जा सकता है. पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू सीमा पर, प्रदर्शनकारियों को एक फ्लाईओवर पर सुरक्षा गार्डों के साथ नोंकझोंक करते हुए भी देखा गया. पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले छोड़ने शुरू किए तो उन्हें छिपना पड़ा. प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड्स हटाते और फ्लाईओवर से फेंकते हुए भी देखा गया.
#FarmersProtest2024 | किसान आंदोलन : शंभू बॉर्डर पर किसानों ने हटाए स्लैब pic.twitter.com/oU8bqoUKlY
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किसानों को राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए हरियाणा और दिल्ली में पुलिस ने सीमेंट बैरियर, रेत की बोरियों से लेकर टायर डिफ्लेटर तक बड़े पैमाने पर तैयारी की है.
किसानों की कई मांगें हैं, जिनमें एक ऐसा कानून भी शामिल है जो उन्हें उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और पेंशन और बीमा लाभ की गारंटी देता है. उनके नेता केंद्र के साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है.
🔴 #BREAKING : "कानून-व्यवस्था बनाए रखी जाए, बल का इस्तेमाल आखिरी उपाय हो..." : किसान आंदोलन पर पंजाब एवं हरियाणा HC pic.twitter.com/MJFPFb0zpB
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कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, "कुछ मुद्दों पर हमें राज्यों से परामर्श करने की जरूरत होगी. हम कोई रास्ता निकालेंगे. हम बात करने और समाधान खोजने के लिए हमेशा तैयार हैं."
दिल्ली पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है. बड़ी सभाओं और किसी भी प्रकार के विरोध मार्च पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. सीमा पार वाहनों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.
"किसानों से बातचीत बेनतीजा नहीं, सरकार पर विश्वास रखें": NDTV से बोले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा
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किसानों का विरोध प्रदर्शन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर बड़े पैमाने पर किसान आंदोलन के लगभग तीन साल बाद आया है. केंद्र को अंततः कानून वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से लगता है कि वो 26 जनवरी, 2021 की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए चौकस है, जब प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की सड़कों पर पुलिस से भिड़ गए थे.
#FarmersProtest2024 | शंभू बॉर्डर पर दूसरी घेराबंदी की ओर बढ़े किसान@sharadsharma1 pic.twitter.com/6iFOieQhNU
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संयोग से, दिल्ली की सीमाओं पर 2020-2021 के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा कई संगठन आज के मार्च में भाग नहीं ले रहे हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर किसी भी किसान के साथ मारपीट की गई तो वे सड़कों पर उतरेंगे.
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