अनुप्रिया पटेल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कैबिनेट फेरबदल में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का खास ख्याल रखा है। राज्य में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी के सहयोगी 'अपना दल' की सांसद अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट में स्थान दिया गया है।
महज 35 वर्ष की अनु्प्रिया पिछड़ा वर्ग से हैं और पूर्वी यूपी के मिर्जापुर से सांसद हैं। पार्टी की गतिविधियों से कहीं अधिक अनुप्रिया अपनी मां कृष्णा पटेल के साथ टकराव को लेकर इस समय सुर्खियों में हैं। पार्टी पर पकड़ बनाने को लेकर शुरू हुआ मां-बेटी का यह टकराव इतना बढ़ चुका है कि मां कृष्णा, अनुप्रिया समेत सात लोगों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छह वर्ष के लिए अपना दल से निष्कासित करने का आदेश दे चुकी हैं।
अनुप्रिया के पिता सोनेलाल पटेल द्वारा स्थापित अपना दल की पूर्वी यूपी के पिछड़ों खासकर पटेलों के बीच अच्छी पैठ है। अभी कुछ दिन पहले ही पिता डॉ सोनेलाल पटेल के जन्मदिन पर अनुप्रिया ने रैली में हजारों की भीड़ जुटाई थी और बीजेपी को अपनी ताकत का अहसास कराया था।
अनुप्रिया को अपना दल का प्रगतिवादी चेहरा माना जाता है, इस लिहाज से उन्हें मंत्री बनाकर पीएम नरेंद्र मोदी ने यूपी के पटेलों को अपने खेमे में लाने का जतन किया है। 28 अप्रैल 1981 को कानपुर में जन्मी अनुप्रिया ने साइकोलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल करने के साथ एमबीए भी किया है। अनुप्रिया वाराणसी की रोहनियां विधानसभा सीट से भी चुनाव जीत चुकी हैं।
महज 35 वर्ष की अनु्प्रिया पिछड़ा वर्ग से हैं और पूर्वी यूपी के मिर्जापुर से सांसद हैं। पार्टी की गतिविधियों से कहीं अधिक अनुप्रिया अपनी मां कृष्णा पटेल के साथ टकराव को लेकर इस समय सुर्खियों में हैं। पार्टी पर पकड़ बनाने को लेकर शुरू हुआ मां-बेटी का यह टकराव इतना बढ़ चुका है कि मां कृष्णा, अनुप्रिया समेत सात लोगों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छह वर्ष के लिए अपना दल से निष्कासित करने का आदेश दे चुकी हैं।
अनुप्रिया के पिता सोनेलाल पटेल द्वारा स्थापित अपना दल की पूर्वी यूपी के पिछड़ों खासकर पटेलों के बीच अच्छी पैठ है। अभी कुछ दिन पहले ही पिता डॉ सोनेलाल पटेल के जन्मदिन पर अनुप्रिया ने रैली में हजारों की भीड़ जुटाई थी और बीजेपी को अपनी ताकत का अहसास कराया था।
अनुप्रिया को अपना दल का प्रगतिवादी चेहरा माना जाता है, इस लिहाज से उन्हें मंत्री बनाकर पीएम नरेंद्र मोदी ने यूपी के पटेलों को अपने खेमे में लाने का जतन किया है। 28 अप्रैल 1981 को कानपुर में जन्मी अनुप्रिया ने साइकोलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल करने के साथ एमबीए भी किया है। अनुप्रिया वाराणसी की रोहनियां विधानसभा सीट से भी चुनाव जीत चुकी हैं।
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