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This Article is From May 10, 2016

यूपी में प्रशांत किशोर की रणनीति - प्रियंका लाओ, कांग्रेस बचाओ!

यूपी में प्रशांत किशोर की रणनीति - प्रियंका लाओ, कांग्रेस बचाओ!
प्रियंका गांधी (फाइल फोटो)
लखनऊ: कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर चाहते हैं कि प्रियंका गांधी को यूपी चुनाव का इंचार्ज बनाया जाए। प्रशांत किशोर ने मंगलवार को लखनऊ में पूरे यूपी के कांग्रेस नेताओं के साथ मैराथन बैठक की।

प्रशांत के सुझाव का बड़ी तादाद में कांग्रेसी भी समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि प्रियंका ही ऐसा चेहरा हैं, जो कांग्रेस की किस्मत बदल सकती है। तमाम कांग्रेसी उनमें उनकी दादी इंदिरा गांधी का अक्स देखते हैं।

प्रशांत किशोर के लिए यूपी चुनाव अब तक का सबसे मुश्किल इम्तिहान है। कांग्रेस यहां करीब 27 साल से सत्ता में नहीं है। प्रशांत किशोर लगातार चार दिन तक कांग्रेस के लोगों के साथ मैराथन करेंगे। उनके पास 200 सवालों की फेहरिस्त है, जिसका जवाब कई हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से लिया गया है। उनकी टीम ने उसका विश्लेषण तैयार किया है। पार्टी में सबसे ज्यादा सहमति प्रियंका को यूपी चुनाव में लाने के उनके सुझाव पर है।

यूपी कांग्रेस के महासचिव द्विजेंद्र त्रिपाठी कहते हैं, 'हमने उन्हें करीब से देखा है...उनमें इंदिरा जी का अक्स दिखाई देता है। उनका तेज चलने का अंदाज, उनकी हाजिरजवाबी, लोगों से जो उनका कनेक्शन है, सब कुछ इंदिरा जी जैसा है। उनका राजनीति में आना कांग्रेस के लिए वरदान साबित होगा।'

प्रियंका गांधी सिर्फ प्रशांत किशोर की पसंद नहीं हैं, यूपी के आम कांग्रेसी भी उनमें अपना भविष्य तलाश रहे हैं। तमाम ऐसी होर्डिंग्स लग रही हैं, जिनमें प्रियंका को राजनीति में आने की दावत दी जा रही है। अभी मार्च में इलाहाबाद पहुंचीं सोनिया गांधी से कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रियंका को इलाहाबाद से चुनाव लड़ाने की मांग भी की थी।

इलाहाबाद जिला कांग्रेस के दो महासचिव श्रीसचंद दुबे और हसीब अहमद चार साल से प्रियंका को राजनीति में लाने के लिए मुहिम चला रहे हैं। वो बताते हैं कि प्रियंका के लिए अब तक 400 होर्डिंग्स बनवा चुके हैं। उनकी होर्डिंग्स के नारे काफी दिलचस्प होते हैं। मिसाल के लिए जब राहुल गांधी लंबी छुट्टी पर चले गए थे, तो उन्होंने प्रियंका की तस्वीरों वाली होर्डिंग्स लगवाई, जिन पर लिखा था, राहुल गए छुट्टी पर, प्रियंका आएं कुर्सी पर...सोनिया गांधी तबीयत खराब होने की वजह से जब इलाज के लिए यूएस गईं तो उन्होंने होर्डिंग्स लगाईं- "मैया है बीमार, भैया पर पड़ गया भार, प्रियंका को बनाओ उम्मीदवार, पार्टी का करो बेड़ा पार"

इलाहाबाद कांग्रेस के जिला महासचिव हसीब अहमद कहते हैं कि जब उन लोगों ने सोनिया गांधी से कहा कि प्रियंका को इलाहाबाद से चुनाव में उतारें तो सोनिया जी ने यह कहा कि मैं उस पर विचार कर रही हूं। इससे लगता है कि वो इसके खिलाफ नहीं हैं और वक्त पर उन्हें चुनाव में उतारेंगी।

प्रियंका रायबरेली और अमेठी में सोनिया-राहुल का प्रचार करती हैं। वो बहुत हंसमुख और मिलनसार हैं। उनमें लोगों से फौरन रिश्ता कायम कर लेने की खूबी है। प्रियंका गरीब से गरीब लोगों से ऐसे मिलती हैं कि उसे एहसास नहीं होता कि वो राजीव गांधी की बेटी हैं। उनके चाहने वाले प्रियंका यूथ ब्रिगेड नाम से उनका फैनपेज चला रहे हैं और उनकी राजनीति में इंट्री की लगातार मांग कर रहे हैं।

यूपी में सहारा ढूंढ रही कांग्रेस की तलाश प्रियंका गांधी पर जाकर खत्म होती है। एक कहावत है कि डूबते को तिनके का सहारा...और राजनीति के जानकार कहते हैं कि यूपी में कांग्रेस को पीके (प्रशांत किशोर) और प्रियंका दोनों के सहारे की जरूरत है।

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