- प्रशांत किशोर ने कहा कि मतदान से पहले 60 से 62 हजार महिलाओं को 10-10 हजार रुपये दिये गए हैं.
- प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर चुनाव से पहले महिलाओं को दस हजार रुपये देकर वोट खरीदने का आरोप लगाया
- प्रशांत किशोर ने कहा कि जेडीयू 25 से ज्यादा सीटें लाने की हालत में नहीं थे. इतना ही आना चाहिए था
बिहार विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद एनडीटीवी को दिये पहले इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा कि हम सत्ता परिवर्तन नहीं कर पाए. हमें सीमित सफलता मिली. हारने पर लोग आलोचना करते हैं. लेकिन बिहार चुनाव को इलेक्टोरल जीत बिल्कुल नहीं मिली है. प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज को बिहार चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली है. NDTV के सीईओ और एडिटर इन चीफ राहुल कंवल को दिये इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर वोट खरीदने का आरोप लगाया. पीके ने आरोप लगाया कि हर विधानसभा 125 करोड़ रुपये खर्च कर वोट खरीदे गए.
मतदान से एक दिन पहले भी पैसे बांटे
बिहार की हार का दर्द बयां करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, '100 से 125 करोड़ रुपये हर विधानसभा क्षेत्र के लोगों को देकर एक तरह से बिहार की सरकार ने वोट खरीदा है. ऐसा भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है, जब मतदान से पहले वोट खरीदे गए. अगर चुनाव से पहले महिलाओं को 10-10 हजार रुपये नहीं दिये जाते, तो शायद आज बिहार विधानसभा चुनाव का ये परिणाम नहीं होता. हर विधानसभा क्षेत्र में 60 से 62 हजार महिलाओं को 10-10 हजार रुपये दिये गए हैं. बिहार में मतदान से एक दिन पहले भी पैसे बांटे गए हैं. इसके साथ ही कहा गया कि ये तो पहली किस्त है. इसके बाद 2-2 लाख रुपये स्वरोजगार के रूप में महिलाओं को दिये जाएंगे.'
मुझे हर विधानसभा के लिए 100 करोड़ दीजिए, फिर देखिए...
प्रशांत किशोर ने कहा, 'आप मुझे हर विधानसभा क्षेत्र के लिए 100 करोड़ रुपये दीजिए और सारी सहानुभूति और रणनीति आपकी धरी रह जाएगी, मैं जीतकर दिखाऊंगा. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इन्हीं को समझ है 2014 में इन्हीं नीतीश कुमार को लोकसभा में 2 सीटें आई थीं. तब नीतीश कुमार मेरे ही पास आए थे, मेरे से मदद के लिए आए, ठीक है जो जीता है वो सिकंदर है, नीतीश कुमार जीते हैं. पहली बार 70-80 करोड़ रुपये देकर वोट खरीद रहे हैं. वोट खरीदने की बात हो जाए तो ओडिशा में नवीन पटनायक के हेल्थ को लेकर ज्यादा चर्चा हुई थी.'
नीतीश सरकार ने सरकार ने वोट खरीदे!
प्रशांत किशोर ने कहा कि जेडीयू 25 से ज्यादा सीटें लाने की हालत में नहीं थे. इतना ही आना चाहिए था, अब उनको आ गए 80-82 सीटें, तो अब लोग कह रहे हैं कि जमीन पर आपको ये गलत दिख रहा है. लेकिन चुनाव को ध्यान से देखिएगा, तो एक जो फैक्टर है, जो पहली बार बिहार में हर विधानसभा में करीब 100-125 करोड़ रुपये सीधा पब्लिक को दिया है और उसमें 60-62 हजार लोगों को सीधा 10 हजार रुपये दिया है. सरकार ने वोट खरीदा है. लोग कह रहे हैं कि ये तो पहले से ही तय था, लेकिन बिहार में जो हुआ है वो अप्रत्याशित है, ये चुनाव के दिन तक पैसे दिए गए हैं.
बिहार चुनाव में एनडीए को कुल 202 सीटें मिली हैं. भाजपा ने 89 सीटों पर जीत दर्ज की. दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) 85 सीटों के साथ है. वहीं, चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति (आर) का स्ट्राइक रेट भी बेहतर रहा. पार्टी ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 पर जीत दर्ज की, जो एनडीए में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी और पूरे बिहार में चौथे नंबर की पार्टी रही. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार सीटों पर जीत मिली है.
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