देश में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान समेत कई राज्य बिजली संकट (Power Crisis) झेल रहे हैं. पंजाब के शहरी इलाकों में बिजली कटौती से आम नागरिकों को परेशानी की खबरों के बीच कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू ( Navjot Sidhu) का बयान सामने आय़ा है. पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन को कई संयंत्रों में बिजली उत्पादन में कमी का सामना करना पड़ा है, जिस कारण बिजली कटौती की गई है. कोयले की कमी (coal shortage) को इसकी वजह माना जा रहा है. हालांकि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि देश में कोई बिजली संकट नहीं है और न ही ऐसा होने दिया जाएगा.
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि यह पछतावे का वक्त नहीं है, बल्कि ऐक्शन का वक्त है. जो कंपनियां पर्याप्त कोयला स्टॉक न रखने के कारण बिजली उत्पादन (electricity generation) पर्याप्त मात्रा में नहीं कर रही हैं, उन्हें जनता को हो रही परेशानियों के कारण दंडित किया जाए. पंजाब के कई शहरी इलाकों में घंटों बिजली कटौती हो रही है. अक्टूबर में भी बेतहाशा गर्मी के बीच यह कटौती ग्राहकों को परेशान कर रही है.
सिद्धू ने ट्वीट कर रहा है कि यह रिपेंट एंड रिपेयर की बजाय प्रिवेंट एंड प्रपेयर पर ध्यान देना चाहिए. जिन निजी बिजली संयंत्रों (Private Thermal Plants) ने गाइडलाइन का पालन न करते हुए 30 दिनों का पर्याप्त कोल स्टॉक नहीं रखा, उन पर ऐसा न करने के लिए जुर्माना लगाया जाए. यह वक्त है कि पंजाब को सौर ऊर्जा खरीद और रूफ टॉप सोलर पर ध्यान देना चाहिए. केंद्रीय बिजली प्राधिकरण के अनुसार, कोयला खदानों से एक हजार किलोमीटर दूर स्थित सभी बिजली संयंत्रों को कम से कम 30 दिनों का कोल स्टाक रखना चाहिए.
पर्याप्त कोयला न मिलने के कारण बिजली संयंत्र कम क्षमता से काम कर रहे हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पर्याप्त कोयला न मिलने के कारण बिजली संयंत्रों में पूरा उत्पादन नहीं हो पा रहा है. इस कारण दिक्कतें आ रही हैं. केंद्र सरकार जल्दी से कोयले की आपूर्ति में तेजी लाए. पंजाब के संयंत्रों को कोल इंडिया लिमिटेड से पर्याप्त कोयला (coal supply ) नहीं मिल पा रहा है.
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