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This Article is From Oct 12, 2019

Jammu-Kashmir:सोमवार से शुरू हो जाएंगी पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं, जल्द ही रिहा किया जा सकता है नेताओं को

Jammu-Kashmir के प्रिसिंपल सेक्रेटरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है कि राज्य में पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं सोमवार से  बहाल कर दी जाएंगी. इसके साथ ही आवाजाही पर बंदिशें भी पूरी तरह हटा ली गई हैं. 

Jammu-Kashmir:सोमवार से शुरू हो जाएंगी पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं, जल्द ही रिहा किया जा सकता है नेताओं को
राज्य में आवाजाही पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध हटा लिया गया है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के प्रिसिंपल सेक्रेटरी रोहित कंसल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है कि राज्य में पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं सोमवार से  बहाल कर दी जाएंगी. इसके साथ ही आवाजाही पर बंदिशें भी पूरी तरह हटा ली गई हैं. रोहित कंसल ने कहा है कि हिरासत में बंद नेताओं को एक प्रक्रिया के तहत रिहा किया जा रहा है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीती 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) मिला हुआ विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर और इसको दो भागों में बांट दिया है. केंद्र सरकार का दावा है कि इस फैसले राज्य की जनता की स्थिति और बेहतर होगी साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा. इस फैसले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने साथ ही कई अहम कदम भी उठाए. भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती, मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाओं पर रोक और राज्य के नेताओं को नजरबंद कर दिया गया. सरकार की दलील थी कि नेताओं की बयानबाजी से हालात बिगड़ सकते हैं और साथ में इंटरनेट सेवाओं का आतंकवादी गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही राज्य में स्कूल और कॉलेजों को भी सुरक्षा के लिहाज से बंद कर दिया गया था.

इस बीच सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं की रिहाई की तैयारी में है. क़रीब दो महीने से नज़रबंद नेताओं की रिहाई के लिए बातचीत शुरू कर दी गई है.. NDTV को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ राज्य प्रशासन ने गृह मंत्रालय को जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें ये कहा गया है कि राज्य के ज़्यादातर नज़रबंद नेताओं से अधिकारियों ने संपर्क किया है और उनसे इस बात पर चर्चा की है कि राज्य में आगे की राजनीति को वो कैसे बढ़ाना चाहते हैं. सूत्र ये भी बताते हैं कि राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फ़ारूक़ अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती को उनकी रिहाई का इशारा दिया गया है. 
 

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