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This Article is From Jan 08, 2023

कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले जातिगत सम्मेलनों की राजनीति तेज, बीजेपी और कांग्रेस ने खेला ये दांव

चित्रदुर्ग जिले में कांग्रेस द्वारा आयोजित अनुसूचित जाति और जनजाति के एक विशाल सम्मेलन में  1 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया है.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले जातिगत सम्मेलनों की राजनीति तेज, बीजेपी और कांग्रेस ने खेला ये दांव
बेंगलुरु:

कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस ने तैयारी तेज कर दी है. दोनों ही दल अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समर्थन हासिल करने के लिए सम्मेलन आयोजित करने में व्यस्त हैं. चित्रदुर्ग जिले में कांग्रेस द्वारा आयोजित अनुसूचित जाति और जनजाति के एक विशाल सम्मेलन में  1 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया है. एक दिवसीय सम्मेलन में मल्लिकार्जुन खड़गे, रणदीप सुरजेवाला, डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया है.

कांग्रेस की तरफ से सम्मेलनों की शुरुआत बीजेपी द्वारा आयोजित हो रहे बैठकों और रैलियों के जवाब में आया है.  5 और 6 जनवरी को, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने विभिन्न धर्मों के मठों तक पहुंचने का प्रयास किया और उन्होंने कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक, पिछड़े वर्गों के जाति सम्मेलन आयोजित कर उन्हें साथ लाने का प्रयास किया है.

नड्डा ने तुमकुरु, चित्रदुर्ग और दावणगेरे के दो दिवसीय दौरे की शुरुआत की है. राज्य में सत्तारूढ़ दल ने अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए भी कोटा बढ़ाया है.वहीं विपक्ष अब अपना जनाधार फिर से हासिल करने में जुटा है. बताते चलें कि कर्नाटक में एससी/एसटी की आबादी 16 फीसदी और 6.9 फीसदी है, जिन्होंने पिछले चुनाव में ज्यादातर कांग्रेस का समर्थन किया था.

पिछले हफ्ते, भाजपा ने बेल्लारी में अनुसूचित जनजातियों की एक विशाल रैली की थी. वहीं पिछले साल दिसंबर में भी कलबुर्गी में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक रैली आयोजित की गई थी. साथ ही अनुसूचित जाति के लिए तीसरी रैली अगले महीने मैसूर करने की तैयारी है.

गौरतलब है कि हाल ही में, कर्नाटक में भाजपा सरकार ने अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण कोटा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 17% कर दिया है. वहीं अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण को 3 प्रतिशत से 7 प्रतिशत किया गया है. कोटा में बढ़ोतरी ने राज्य में आरक्षण की मात्रा को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत की सीमा से ऊपर ला दिया है. कर्नाटक में आरक्षण का कुल प्रतिशत अब 56 प्रतिशत है.

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