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"पोलिटिकल इंटरेस्ट": एग्जिट पोल के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सरकार चुनी जा चुकी है, ⁠अब हमें इस तरह की कहानियों को बंद कर देना चाहिए.

"पोलिटिकल इंटरेस्ट": एग्जिट पोल के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से  इनकार
हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में एग्जिट पोल के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने आज एग्जिट पोल के खिलाफ दायर इस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये पोलिटिकल इंरटेस्ट याचिका लगती है. ⁠हम इस मामले में दखल नहीं देना चाहते है. ⁠ये मामला चुनाव आयोग के क्षेत्राधिकार का है. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकार चुनी जा चुकी है, ⁠अब हमें इस तरह की कहानियों को बंद कर देना चाहिए.  ⁠चुनाव आयोग इस तरह के मसले देखता है. ⁠हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे.

जम्मू-कश्मीर चुनाव के दौरान ‘एग्जिट पोल' पर प्रतिबंध

दूसरी ओर निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव-2024 के दौरान मीडिया संस्थानों द्वारा अथवा किसी अन्य तरीके से ‘एग्जिट पोल' जारी करने पर रोक लगा दी है. आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के तहत यह प्रतिबंध लगाया है. चुनावों के दौरान समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाने वाला यह एक नियमित कदम है. आयोग के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अधिसूचना के अनुसार, चुनाव परिणामों पर एग्जिट पोल प्रतिबंध मतदान के पहले दिन मतदान के लिए निर्धारित समय से शुरू होगा और जम्मू-कश्मीर में मतदान समाप्त होने के आधे घंटे बाद तक जारी रहेगा.''

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे, जिसमें पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को, दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को और तीसरे चरण का मतदान एक अक्टूबर को होगा.

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 126ए का उपयोग करते हुए, निर्वाचन आयोग की अधिसूचना में इस बात पर जोर दिया गया कि कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का ‘एग्जिट पोल' नहीं करेगा और प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशित या प्रचारित नहीं करेगा. इस अवधि के दौरान किसी भी एग्जिट पोल के परिणाम पर रोक लगा दी गयी है.

निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के मुताबिक कोई भी व्यक्ति जो इस धारा के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे दो वर्ष तक के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है.

Video : Jammu Kashmir Election: JeI South Kashmir में कर रही निर्दलियों का समर्थन | Kashmir Ki Chunavi Diary

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