आजकल के दौर में लोग मूलभूत जरुरतों को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड्स पर अधिक निर्भर हो रहे हैं और उनमें आई समस्या का समाधान जल्द से जल्द घर बैठे व ऑनलाइन माध्यम से करना चाहते हैं .जिससे अनजाने में कई लोग साइबर अपराध करने वाले ठगों का निशाना बन जाते हैं. ठगी करने वाले अपराधिक प्रवृति के लोग फायदा उठाकर ऑनलाइन माध्यम से ठगी करके लोगों के मेहनत की कमाई को मिनटों में उड़ा लेते हैं. साइबर थाना सेन्ट्रल की टीम ने प्रबंधक सतीश कुमार के नेतृत्व में क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने व अपडेट करने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया.
साइबर पुलिस टीम ने गुरुग्राम सेक्टर 18 से 6 आरोपियों को फर्जी कॉल सेंटर चलाते हुए दबोचा. आरोपी एनसीआर में अब तक करीब 200 वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा व डीसीपी मुख्यालय हेमेन्द्र कुमार मीणा के द्वारा दिए गए दिशानिर्देश व पुलिस उपायुक्त (साइबर) के अभिमन्यु गोयत के मार्ग दर्शन में में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.
एसीपी साइबर श्री अभिमन्यु गोयत ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियो में शुभम, विकास, रोहित कुमार, मनीष, अभिषेक औऱ अजय का नाम शामिल हैं. आरोपी शुभम, विकास और अभिषेक झारखंड के जिले जमशेदपुर का आरोपी रोहित उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले का आरोपी मनीष बिहार के शहरसा जिले का तथा आरोपी अजय झारखंड के हजारी बाग जिले का रहने वाला है. उन्होंने बताया कि आरोपी शुभम,मनीष,अजय वर्तमान में गुरुग्राम में रह रहे हैं.जबकि आरोपी विकास आरोपी अभिषेक फरीदाबाद में तथा आरोपी रोहित दिल्ली का रहने वाला है.
ये सभी आरोपी दिल्ली में नौकरी करने के दौरान एक-दूसरे से मिले थे.आरोपियो के द्वारा फरीदाबाद के ओल्ड में रहने वाले ज्ञान प्रकाश के साथ DBS BANK के क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढाने व अपडेट करने के नाम पर 28 जून को झांसा देकर 25914 रुपये धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया था.जिसकी शिकायत शिकायतकर्ता के द्वारा साइबर थाना बल्लबगढ़ में दी. जिसपर कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर आरोपियो की तलाश की जा रही थी. साइबर पुलिस टीम ने आरोपियो को अपने सूत्रों से प्राप्त सूचना से गुरुग्राम के सेक्टर 18 से फर्जी कॉल सेंटर चलाते हुए 6 आरोपियो को दबोच लिया है.सभी आरोपियो को मामले में पूछताछ के लिए अदालत में पेश कर 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया.
पुलिस रिमांड के दौरान सामने आया कि आरोपी शुभम, विकास, अजय और अभिषेक स्कूल-कॉलेज समय से एक दूसरे को जानते हैं. इन आरोपियो के साथ रोहित औऱ मनीष ने दिल्ली में कॉल सेंटर में काम किया था. आरोपी विकास और अभिषेक कॉल करके लोगो अपने जाल में फसाते थे. जबकि आरोपी अजय का पैसे निकालने का काम था.आरोपी शुभम सुपरवाईजर का काम तथा डाटा उपलब्ध करने का काम करता है. आरोपी रोहित टीम लीडर काम करता है. आरोपी मनीष मॉनिटरेट का काम करता है. इस वारदात का मुख्य आरोपी मनीष है.
इन आरोपियों के पास से 60 मोबाइल फोन, 52 सिम,16 चैक बुक, 6 पास बुक,18 डेबिट कार्ड के साथ 17500 रुपये नगद बरामद किए गए हैं.इसके अलावा आरोपियो द्वारा प्रयोग में किए गए खातों से करीब 200 वारदातो में 60-70 लाख के लेन देन हुए हैं.
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि अगर किसी के साथ कोई साइबर फ्रॉड होता है तो तुरंत 1930 पर कॉल करें, ताकि लापरवाही की वजह से या साइबर ठगों की चालाकी वजह से हुए वित्तीय नुकसान को रोका जा सके.
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