पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir) के हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहने की बात दोहराते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने रविवार को कहा कि आजादी के बाद से इस मामले में "बहुत दयनीय स्थिति रही" क्योंकि पिछली सरकारों ने उस इलाके को पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त कराने की कोशिश नहीं की.
ओडिशा के कटक में एक संवाद सत्र में विदेश मंत्री ने कहा, "पीओके कभी इस देश से बाहर नहीं था. यह हमेशा से देश का हिस्सा रहा है. देश की संसद में यह संकल्प पारित हुआ है कि पीओके भारत का हिस्सा है. फिर दूसरे लोगों का नियंत्रण कैसे हो गया? अब हो जाता है..., जब घर का मुखिया जिम्मेदार नहीं होता है तो बाहर वाले आकर चीजें चुरा ले जाते हैं."
उन्होंने कहा, "इस मामले में आपने दूसरे देश को घुसने दिया... क्योंकि हमने आजादी के बाद शुरुआती दिनों में पाकिस्तान से उन इलाकों को खाली कराने का प्रयास नहीं किया और यह दुःखद स्थित जारी रही. लेकिन, मैं हमेशा यह कहता हूं कि आज पीओके लोगों की चेतना में लौट आया है. हम इसके बारे में भूल गये थे, हमारी स्मृति से इसे हटा दिया गया था."
विदेश नीति को लेकर कांग्रेस पर हमलावर रहे हैं जयशंकर
जयशंकर इससे पहले भी कई बार उनकी विदेश नीति को लेकर पिछली कांग्रेस सरकारों की आलोचना कर चुके हैं.
पिछले सप्ताह हैदराबाद में उन्होंने कहा था कि सरदार पटेल ने कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने का विरोध किया था, लेकिन पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने बात नहीं मानी.
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