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This Article is From Jun 14, 2014

INS विक्रमादित्य पर बोले पीएम मोदी, भारत किसी के आगे आंख नहीं झुकाएगा

INS विक्रमादित्य से:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोवा में नौसेना के सबसे बड़े युद्धपोत INS विक्रमादित्य का मुआयना करने पहुंचे हैं। गोवा पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने नेवल बेस पर गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। INS विक्रमादित्य पर पहुंचकर प्रधानमंत्री ने सबसे पहले नौसेना के अधिकारियों से मुलाकात की और इसके बाद वह मिग 29K में सवार हुए और उसके कॉकपिट में बैठे।

44 हज़ार 500 टन के वज़न वाला INS विक्रमादित्य फिलहाल अरब सागर में है और इसे 15 हज़ार करोड़ में रूस से ख़रीदा गया है। INS विक्रमादित्य की ऊंचाई क़रीब 20 मंज़िल जितनी है और इसमें 22 डेक हैं।

INS विक्रमादित्य पर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत किसी को आंख दिखाने के पक्ष में नहीं, लेकिन हम किसी के आगे आंख नहीं झुकाएंगे। प्रधानमंत्री ने आईएनएस विक्रमादित्य को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा, हम क्यों रक्षा उपकरणों का आयात करें? हमें आत्मनिर्भर होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा, देश की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है और सुरक्षा क्षेत्र में आधुनिक तकनीक की अहम भूमिका होगी, स्वदेशी तकनीक की दिशा में देश आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार वन रैंक, वन पेंशन योजना को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह देश में युद्ध स्मारकों का भी निर्माण कराएंगे।

गोवा के तट से कुछ दूर तैनात इस विशाल युद्धपोत पर मौजूद नौसैनिकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, आज देश के लिए यह महत्वपूर्ण दिन है। भारतीय नौसेना के इतिहास में एक स्वर्णिम दिन है। मेरे लिए, यह गौरव और प्रसन्नता की बात है कि आईएनएस विक्रमादित्य नौसेना में शामिल हो गया है। यह ऐतिहासिक कदम है।

रक्षा साजो-सामान के निर्माण में आत्म-निर्भरता की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा, हमें नवीनतम प्रौद्योगिकी को अत्यधिक महत्व देने की आवश्यकता है। इससे राष्ट्र को मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने देश के लिए प्राण न्योछावर करने वालों की याद में युद्ध-स्मारक स्थापित करने का वायदा किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार रक्षा कर्मियों के लिए एक रैंक, एक पेंशन योजना को लागू करने को प्रतिबद्ध है। मोदी ने कहा, हमारी सरकार में दुनिया की आंख से आंख मिलाने की क्षमता है और इसका कारण है हमारे सैनिकों की क्षमता, जो हमें ऐसा करने की शक्ति देती है।

इस युद्धपोत के सौदे पर साल 2004 में पूर्व के एनडीए सरकार के दौरान हस्ताक्षर किया गया था। युद्धपोत नौसेना में 16 नवंबर, 2013 को शामिल किया गया था। इसे तत्कालीन रक्षामंत्री एके एंटनी ने शामिल किया था।

(इनपुट भाषा से भी)

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