प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आने वाले गर्मी के मौसम में तापमान में होने वाले इजाफे को लेकर तैयारियों की समीक्षा के लिए सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से यह जानकारी दी गई. इस दौरान पीएम को मानसून के पूर्वानुमान, रबी फसलों पर इसके प्रभाव, चिकित्सा बुनियादी ढांचे की तैयारी के बारे में जानकारी दी गई. पीएमओ की ओर से जारी बयान के अनुसार, मौसम कार्यालय, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) को प्रधानमंत्री ने दैनिक मौसम पूर्वानुमान तैयार करने का निर्देश दिया है.
तीन माह सामान्य से अधिक तापमान की जताई गई है आशंका
गौरतलब है कि 31 मई को समाप्त होने वाले तीन महीनों के दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान के साथ-साथ लू की आशंका जताई गई है, जिससे फसल के उत्पादन पर असर पड़ सकता है. गौरतलब है कि पिछले वर्ष देश ने एक सदी से भी अधिक समय में सबसे गर्म मार्च के महीने का सामना किया किया था जिससे फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई थीं और सरकार को निर्यात पर अंकुश लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
पीएम ने कहा, गर्मी से बचाव के लिए बच्चों को जागरूक करें स्कूल
बयान के अनुसार, पीएम मोदी ने सभी अस्पतालों के विस्तृत फायर ऑडिट की जरूरत पर जोर दिया. इसमें कहा गया है कि जंगल की आग से निपटने के लिए समन्वित प्रयास की जरूरत भी बताई गई. अत्यधिक गर्मी होने की स्थिति में बच्चों को जागरूक करने के लिए स्कूलों को व्याख्यान सत्र आयोजित करने के लिए कहा गया है. पीएम मोदी ने कहा कि गर्म मौसम की स्थिति में 'क्या करें और क्या न करें' को आसान शब्दों में तैयार किया जाना चाहिए. इसके साथ ही प्रचार के अन्य तरीके जैसे जिंगल्स, फिल्म, पैम्फलेट आदि भी तैयार और जारी किए जाएं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि चारे और जलाशयों में पानी की उपलब्धता पर भी लगातार नजर रखी जानी चाहिए. प्रतिकूल मौसम की स्थिति में भारतीय खाद्य निगम को अनाज का भंडारण सुनिश्चित करने के लिए कहा गया. बैठक में पीएम के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह और परिवार कल्याण सचिव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और अन्य लोगों ने हिस्सा लिया.
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