जाट आरक्षण के मामले पर राजनीति फिर तेज़ हो गई है। गुरुवार को 70 नेताओं के एक जाट डेलिगेशन ने इस मसले पर पीएम मोदी से मुलाकात की।
पीएमओ के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान, 'प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रही है और कानून के दायरे में रहते हुए इसका कोई हल निकालेगी।' मुलाकात में जाट नेताओं ने प्रधानमंत्री से कहा कि जाट समुदाय आर्थिक और सामाजिक तौर से पिछड़ा है लिहाज़ा उन्हें आरक्षण की सुविधा दिलाने के लिए हर संभव राजनीतिक या कानूनी हल निकाला जाए।
बैठक के बाद कृषि राज्यमंत्री संजीव बालयान ने कहा, 'सरकार को कोर्ट में रिव्यू पीटिशन दायर करना चाहिए।' जबकि हरियाणा सरकार में कृषि मंत्री ने एनडीटीवी से कहा, 'हमने पीएम से गुज़ारिश की है कि समस्या का समाधान निकलने तक जाट आरक्षण की सुविधा बहाल रखने के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए।' ये तय किया गया है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली इस मसले के तमाम कानूनी पहलूओं को देखने के बाद आगे की रणनीति तैयार करेंगे।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद जाट नेता अमित शाह से भी मिले। ज़ाहिर है, बीजेपी अब खुलकर जाट समुदाय के साथ खड़ी दिखाई दे रही है। जाट नेताओं की दलील है कि यूपीए सरकार ने जल्दबाजी में जाटों को आरक्षण की सुविधा देने की पहल की थी जो सुप्रीम कोर्ट के पैमाने पर खरी नहीं उतरी। अब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को जाट समुदाय का नए सिरे से सर्वे करने को कहा जाए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं