PM मोदी की डिग्री: अदालत ने आप नेता संजय सिंह के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एस जे पांचाल की अदालत ने सिंह के खिलाफ पेशी वारंट तब जारी किया जब उनके वकील ने अदालत को सूचित किया कि उन्हें अपने मुवक्किल से कोई निर्देश नहीं मिला है क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) नेता दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं.

PM मोदी की डिग्री: अदालत ने आप नेता संजय सिंह के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया

अहमदाबाद: एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री के संबंध में की गई टिप्पणी को लेकर मानहानि मामले में जेल में बंद आप नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के खिलाफ बृहस्पतिवार को पेशी वारंट जारी किया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एस जे पांचाल की अदालत ने सिंह के खिलाफ पेशी वारंट तब जारी किया जब उनके वकील ने अदालत को सूचित किया कि उन्हें अपने मुवक्किल से कोई निर्देश नहीं मिला है क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) नेता दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं.

सिंह को दिल्ली में आबकारी घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में पांच अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. पेशी वारंट के माध्यम से मजिस्ट्रेट ने स्थानीय पुलिस को सिंह को तिहाड़ जेल से हिरासत में लेने और 11 जनवरी को पूर्वाह्न 11 बजे अदालत के सामने पेश करने का निर्देश दिया. उस दिन अदालत मामले में आगे की सुनवाई करेगी.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सिंह पर प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री के संबंध में अपने ‘‘व्यंग्यात्मक'' और ‘‘अपमानजनक'' बयानों के माध्यम से गुजरात विश्वविद्यालय (जीयू) की छवि खराब करने का आरोप है. अदालत ने जब गवाहों से पूछताछ शुरू की तो केजरीवाल के वकील ने पेशी से छूट की याचिका दायर की. अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली.

सिंह के वकील ने अदालत को सूचित किया कि उन्हें सिंह से कोई निर्देश नहीं मिला है क्योंकि आप नेता सलाखों के पीछे हैं, इस पर जीयू के वकील अमित नायर ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि यह मामले को और विलंबित करने की आप नेता की रणनीति है. इसके बाद उन्होंने मजिस्ट्रेट पांचाल से सिंह के खिलाफ पेशी वारंट जारी करने का आग्रह किया. अदालत ने नायर की याचिका स्वीकार कर ली और वारंट जारी कर दिया.

अदालत ने पिछले दिनों दोनों नेताओं को यह कहते हुए तलब किया था कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि) के तहत मामला बनता प्रतीत होता है.

गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री पर मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को रद्द करने के बाद जीयू के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने दोनों नेताओं के खिलाफ उनकी टिप्पणियों पर मानहानि का मामला दायर किया था.

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