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This Article is From Aug 21, 2023

BRICS सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को द. अफ्रीका रवाना होंगे PM मोदी

ब्रिक्स पांच विकासशील देशों का समूह है जो विश्व की 41 प्रतिशत आबादी, 24 प्रतिशत वैश्विक जीडीपी और 16 प्रतिशत वैश्विक कारोबार का प्रतिनिधित्व करता है.

BRICS सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को द. अफ्रीका रवाना होंगे PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 से 24 अगस्त तक आयोजित होने वाले 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को सुबह दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग के लिए रवाना होंगे. तीन बार के वर्चुअल मीटिंग के बाद ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) की ये पहली इन पर्सन मीटिंग है. 22 तारीख़ को पीएम मोदी ब्रिक्स लीडर्स रिट्रीट में हिस्सा लेंगे. ये क्लोज डोर मीटिंग है. 23 तारीख़ को वो ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेंगे. ये दो सेशन में होगा.

वहीं 24 तारीख़ को पीएम ब्रिक्स अफ़्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस में हिस्सा लेंगे. 24 तारीख की मीटिंग में ग्लोबल साउथ एक अहम विषय होगा. भारत से एक बिजनेस डेलीगेशन भी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहा है.

40 साल बाद किसी भारतीय पीएम का ग्रीस दौरा
पीएम मोदी ब्रिक्स सम्मेलन के बाद ग्रीस जाएंगे, जहां उनकी मुलाक़ात ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस से होगी. 1983 में इंदिरा गांधी के बाद ये किसी भारतीय प्रधानमंत्री का ये पहला ग्रीस दौरा होगा.  ग्रीस में पीएम टॉम्ब आफ़ अननोन सोर्जर्स जाएंगे, बिजनेस लीडर्स से मिलेंगे और भारतीय समुदाय से भी मुलाक़ात करेंगे. इस दौरे में दोनों देश ट्रेड, इंफ्रास्ट्रकचर डेवलमेंट, एनर्जी, शिप बिल्डिंग जैसे अहम मुद्दों पर आपसी सहयोग बढ़ाने लिए बातचीत करेंगे.

पीएम मोदी की चीन के राष्ट्रपति से मुलाक़ात के सवाल पर विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा कि साउथ अफ़्रीका ने ब्रिक्स मेंमर देशों के अलावा भी बड़ी तादाद में देशों को आमंत्रित किया है. द्विपक्षीय बातचीत को लेकर मोडालिटीज़ अभी तय की जा रही हैं. तय होने के बाद बताया जाएगा.

40 देश ब्रिक्स में शामिल होना चाहते हैं, 23 ने आवेदन दिया है. भारत की राय के सवाल पर विदेश सचिव ने कहा कि भारत की राय बहुत सकारात्मक है. नई सदस्यता आम सहमति के आधार पर दी जाती है. भारत ब्रिक्स के विस्तार को लेकर हमेशा सकारात्मक रहा है.

ब्रिक्स FTA के सवाल पर विदेश सचिव ने कहा कि ब्रिक्स एफ़टीए तक ही सीमित नहीं है. जिस देश के साथ एफटीए होना होता है, उसके साथ तय होता है. ये राजनीतिक के साथ -साथ तकनीकि आधार पर भी निर्भर करता है. जो फोकस ब्रिक्स के अंदर रहा है, वो इस पर केंद्रित रहा है कि ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग कैसे बढ़े, कैसे इसे बढाया जाए. वो कैसे हो किस देश के साथ ये विशेषज्ञ बैठकर तय करेंगे.

ग्रीस में माइग्रेशन संकट पर क्या पीएम ग्रीस के पीएम से बात करेंगे? वेस्ट सेक्रेटरी संजय वर्मा ने कहा कि ग्रीस मेडिटेरेनियन देश है, जहां माइग्रेंट्स आते रहते हैं. ये यूरोपीय यूनियन का अंदरुनी विषय है कि वे इस संकट को कैसे डील करते हैं.

ग्रीस में भारतीय समुदाय के साथ पीएम की मुलाक़ात की अहमियत पर विदेश सचिव ने कहा कि किसी भी देश में भारतीयों से मुलाक़ात इस सरकार की एक बहुत अहम नीति है.
 

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