देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस (आईबीसीए) का शुभारंभ करेंगे. आईबीसीए दुनिया की सात प्रमुख बड़ी बिल्लियों - बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता की सुरक्षा और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा.
गठबंधन का शुभारंभ जुलाई 2019 में उनके द्वारा दिए गए स्पष्ट आह्वान के बाद हुआ, जब उन्होंने एशिया में अवैध शिकार और अवैध वाइल्डलाइफ ट्रेड पर दृढ़ता से अंकुश लगाने के लिए वैश्विक नेताओं के गठबंधन का आह्वान किया था.
पीएम मोदी का ये फैसला मोदी सरकार द्वारा दिखाई गई पर्यावरण चेतना में अभिन्न अंग है. सरकार द्वारा इस ओर व्यापक प्रयास किए गए हैं, जिन्होंने मिलकर देश में वन्यजीवों पर सकारात्मक प्रभाव डाला है.
साल 2014 से देश में बड़ी बिल्लियों की संख्या में वृद्धि हुई है. बाघों की आबादी 2014 में 2226 से 33 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 2967 हो गई है. बाघों की आबादी के नए आंकड़े 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री द्वारा जारी किए जाएंगे.
मजबूत संरक्षण प्रबंधन और मजबूत सुरक्षा के फलस्वरूप गुजरात में शेरों की आबादी में 29% की वृद्धि हुई है. साल 2015 में इनकी संख्या 523 थी, जबकि 2020 में इनकी संख्या 674 थी. वहीं, व्यापक रूप से वितरित तेंदुए की आबादी में लगभग 63 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. साल 2014 में इनकी संख्या 7910 थी जो 2018 में 12,852 हो गई.
पीएम के विजन से प्रेरित होकर, देश ने 2022 में बड़ी बिल्ली (चीता) के दुनिया के पहले वाइल्ड टू वाइल्ड ट्रांसकॉन्टिनेंटल ट्रांसलोकेशन को सफलतापूर्वक हासिल किया और चीता के विलुप्त होने के तथ्य को उलट दिया. उन्हें बाहर से लाकर देश में बसाया गया. वहीं, असम में पिछले साल एक भी गैंडे का शिकार नहीं हुआ.
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