
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अप्रैल को कटरा से घाटी तक चलने वाली पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. इससे कश्मीर तक रेल संपर्क का 70 साल पुराना सपना पूरा होगा. यह ट्रेन रियासी जिले के कटरा कस्बे से चलेगी और पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला को पार करते हुए श्रीनगर पहुंचेगी, और फिर उत्तरी कश्मीर के बारामूला में अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचेगी. अधिकारियों के अनुसार, रेल लिंक परियोजना पिछले महीने पूरी हो गई थी. कटरा-बारामुल्ला मार्ग पर ट्रेन का ट्रायल रन सफलतापूर्वक किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने जनवरी में कटरा और कश्मीर के बीच ट्रेन सेवा को मंजूरी दी थी. उन्होंने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस से जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय काफी कम होने की उम्मीद है, जिससे इस क्षेत्र के लिए एक आधुनिक और कुशल रेल सेवा उपलब्ध होगी.
प्रधानमंत्री का 19 अप्रैल की सुबह नई दिल्ली से उधमपुर आर्मी एयरपोर्ट पर उतरने का कार्यक्रम है.
यहां से वह चेनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए उड़ान भरेंगे.
इंजीनियरों ने किस तरह से इस पुल के निर्माण में अपनी भूमिका निभाई है, इसके बारे में प्रधानमंत्री मोदी को पुल के निर्माण के बारे में जानकारी दी जाएगी.
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी माता वैष्णो देवी आधार शिविर कटरा से वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे.
दिल्ली लौटने से पहले प्रधानमंत्री मोदी दोपहर में कटरा में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे.
कार्यक्रम के दौरान, पीएम मोदी के अलावा, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मौजूद रहेंगे.
मिली जानकारी के अनुसार, फिलहाल यह ट्रेन संगलदान से बारामूला तक चल रही है.
अधिकारियों ने बताया, "दिल्ली या किसी अन्य हिस्से से कश्मीर के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं होगी. यात्रियों को कटरा में उतरना होगा और ट्रेन बदलनी होगी. बाद में यही प्रक्रिया जम्मू में भी अपनाई जाएगी.
रविवार को जम्मू में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी 19 अप्रैल को उधमपुर पहुंचेंगे. वह दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का दौरा करेंगे और उसका उद्घाटन करेंगे. इसके बाद वह कटरा से वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे." ट्रेन के उद्घाटन से कश्मीर तक सीधी रेल कनेक्टिविटी की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी.
अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर को ट्रेन से जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना 1997 में शुरू हुई थी, लेकिन भूवैज्ञानिक, स्थलाकृतिक और मौसम संबंधी चुनौतियों के कारण इसमें कई देरी हुई. इस परियोजना में कुल 119 किलोमीटर में फैली 38 सुरंगें शामिल हैं, जिनमें सबसे लंबी 12.75 किलोमीटर लंबी सुरंग टी-49 है. यह देश की सबसे लंबी परिवहन सुरंग भी है.
इस परियोजना में 927 पुल भी शामिल हैं, जिनकी कुल लंबाई 13 किलोमीटर है. इनमें प्रतिष्ठित चिनाब पुल भी शामिल है, जिसकी कुल लंबाई 1,315 मीटर है, इसकी मेहराब 467 मीटर है और यह नदी तल से 359 मीटर ऊपर है. एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा होने के कारण यह दुनिया का सबसे ऊंचा मेहराबदार रेलवे पुल बनने वाला है.
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