प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को 41 कोल ब्लॉक्स की नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत करेंगे. इन कोल ब्लॉक्स की नीलामी से देश में कोल ब्लॉक्स की कमर्शियल माइनिंग की शुरुआत होगी. इस कार्यक्रम का आयोजन 11 बजे कोयला मंत्रालय और फिक्की ने मिल कर किया है. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार ने कोल ब्लॉक्स को कमर्शियल माइनिंग के लिए नीलाम करने का फैसला किया है. इससे कोयला सेक्टर में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी.सरकार को उम्मीद है की इससे कोयला सेक्टर में प्रोडक्शन बढ़ेगा और कम्पटीशन भी होगा. कार्यक्रम में फिक्की अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी, वेदांत ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्गरवाल और टाटा संस के चेयरमैन न चंद्रशेखरन भी उद्योग जगत की तरफ से अपनी बात रखेंगे.
7 साल में करीब 33,000 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित
कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन कोयला ब्लाक की वाणज्यिक खनन में अगले पांच से सात साल में करीब 33,000 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है.ये ब्लाक राज्य सरकारों को सालाना 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व देंगे. मंत्रालय ने कहा कि कोयला खनन क्षेत्र में नीलामी प्रक्रिया की शुरूआत आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गयी घोषणाओं का हिस्सा है.
बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नीलामी प्रक्रिया शुरू किये जाने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और और खनन क्षेत्र में आत्म-निर्भरता हासिल करने के अपने दृष्टिकोण को रखेंगे. खनन क्षेत्र बिजली, इस्पात, एल्युमीनियम, स्पांजी आयर जैसे कई बुनियादी उद्योगों के लिये कच्चे माल का मुख्य स्रोत है.''
इस मौके पर कोयला और खान मंत्री प्रहलाद जोशी भी मौजूद रहेंगे. बयान के अनुसार, ‘‘कोयेला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिये कोयला मंत्रालय उद्योग मंडल फिक्की के साथ मिलकर 41 कोयला खदानें की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर रहा है....''
ये खदान 22.5 करोड़ टन उत्पादन की क्षमता रखते हैं. इसके आधार पर सरकार का कहना है कि ये खदान देश में 2025-26 तक अनुमानित कुल कोयला उत्पादन में करीब 15 प्रतिश्त का योगदान देंगे.'' इससे सीधे एवं परोक्ष रूप से 2.8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. इसमें सीधे तौर पर करीब 70,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है.
मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह नीलामी प्रक्रिया कोयला क्षेत्र को वाणिज्यिक खनन के लिये खोलने की एक शुरूआत है. इससे देश ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में आत्म निर्भर होगा और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी.''कार्यक्रम को फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी, वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी संबोधित करेंगे. सरकार ने पिछले महीने राजस्व हिस्सेदारी आधार पर वाणिज्यिक खनन के तौर-तरीकों को मंजूरी दी थी.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया था. सीसीईए द्वारा मंजूर तौर-तरीके के अनुसार बोली मानदंड राजस्व हिस्सेदारी पर आधारित होगा. बोलीदाताओं को सरकार को देय राजस्व में प्रतिशत हिस्सेदारी के भुगतान के आधार पर बोली लगानी होगी.
(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)
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