नई दिल्ली:
भाजपा नीत राजग को लोकसभा चुनाव में मिले बहुमत को ‘‘देश की हार’’ बताने के लिए कांग्रेस पर बरसते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि ऐसा कहना देश के करोड़ों मतदाताओं, किसानों एवं मीडिया का अपमान है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हारने से देश नहीं हार जाता क्योंकि कांग्रेस देश नहीं है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ‘‘ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं जब चुनाव स्वयं जनता लड़ती है. 2019 का चुनाव दलों से परे देश की जनता लड़ रही थी,’’
राज्यसभा में पीएम मोदी की 10 खास बातें-
- 2019 का चुनाव एक प्रकार से दलों से भी परे देश की जनता लड़ रही थी. देश की जनता ने इस चुनाव को अपने सर पर उठा लिया था और जनता एक प्रकार से ख़ुद सरकार के कामों की बात लोगों तक पहुंचाती थी.
- अपनी सोच की मर्यादा के कारण इतने बड़े जनादेश को ये कह दें आप तो चुनाव जीत गए लेकिन देश चुनाव हार गया. मैं समझता हूं इससे बड़ा देश के लोकतंत्र का अपमान नहीं हो सकता, इससे बड़ा जनता का अपमान नहीं हो सकता.
- क्या वायनाड, रायबरेली में हिंदुस्तान हार गया था? बहरामपुर में हिंदुस्तान हार गया क्या? क्या अमेठी में हिंदुस्तान हार गया? ये क्या तर्क है? 17 राज्यों में कांग्रेस एक सीट नहीं जीत पाया. क्या हम कह देंगे देश हार गया? यानी कांग्रेस हारी देश हार गया. मतलब कांग्रेस यानी देश और देश यानी कांग्रेस. अहंकार की भी एक सीमा होती है.
- मीडिया के कारण चुनाव जीतें जाते है. मीडिया बिकाऊ है क्या? क्या तमिलनाडु और केरल में भी यही लागू होता है?
- हमें गर्व होना चाहिए कि भारत की चुनाव प्रक्रिया विश्व में भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का एक बहुत बड़ा अवसर है. इस अवसर को हमें खोना नहीं चाहिए.
- यह तक कह दिया कि देश का किसान बिकाऊ है. दो-दो हजार रुपये की योजना के कारण किसानों के वोट खरीद लिए गए. मैं मानता हूं कि मेरे देश का किसान बिकाऊ नहीं हो सकता. ऐसी बात कहकर देश के करीब 15 करोड़ किसान परिवारों को अपमानित किया गया है.
- 55-60 वर्ष तक देश को चलाने वाला एक दल 17 राज्यों में एक भी सीट नहीं जीत पाया तो क्या इसका मतलब ये हुआ कि देश हार गया?
- इस चुनाव की एक विशेषता है कि ईस्ट,वेस्ट, नॉर्थ, साउथ सभी कोने से बहुमत के साथ बीजेपी और एनडीए जीतकर आए हैं. सभी क्षेत्रों में हमें स्वीकृत मिली है. मैं सिर झुकाकर कोटि-कोटि मतदाताओं का अभिनंदन करता हूं.
- ईवीएम को लेकर सवाल उठाए जाते हैं लेकिन कभी हम भी सदन में केवल 2 रहे हैं और 2 या 3 बोलकर हमारा मजाक उड़ाया जाता था.
- इतने बुरे दिन हमने देखे लेकिन कार्यकर्ताओं पर हमें भरोसा था, हमारे विचारों पर हमें भरोसा था, देश की जनता पर हमें भरोसा था और परिश्रम और त्याग के बल पर हमने उस निराशाजनक वातावरण में विश्वास पैदा करके हमने पार्टी को फिर से खड़ा किया.