प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आजादी के बाद भी भाई-भतीजावाद, वंशवाद और राजनीति में भ्रष्टाचार ने भारत के विकास को बाधित किया. उन्होंने लोगों, विशेषकर महिलाओं तथा युवाओं से इन 'बुराइयों' को खत्म करने का आह्वान किया. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती के अवसर पर यहां लाल किला परिसर में आयोजित पराक्रम दिवस समारोह में मोदी ने यह भी कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारतीय लोकतंत्र में भाई-भतीजावाद और वंशवाद की दोहरी बुराइयां हावी होने लगीं.
उन्होंने कहा, 'नेताजी ने कहा था कि अगर हम भारत को महान बनाना चाहते हैं तो राजनीतिक लोकतंत्र और लोकतांत्रिक समाज की नींव मजबूत होनी चाहिए. लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के बाद उनके विचार पर गंभीर हमला हुआ.' मोदी ने कहा कि नेताजी देश के सामने मौजूद चुनौतियों को अच्छी तरह समझते थे और उनके बारे में सभी को आगाह भी किया करते थे.
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारतीय लोकतंत्र में भाई-भतीजावाद और वंशवाद जैसी बुराइयां हावी होने लगीं. मोदी ने कहा कि यह भी एक प्रमुख कारण रहा है कि भारत उस गति से विकास नहीं कर सका, जिस गति से उसे विकास करना चाहिए था. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की युवा और महिला शक्ति देश की राजनीति को भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार की बुराइयों से मुक्त करा सकती है.
उन्होंने कहा, ''हमें राजनीति के जरिए इन बुराइयों को खत्म करने का साहस दिखाना होगा और इन्हें हराना होगा.' मोदी ने कहा, ‘‘पराक्रम दिवस पर हम नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के आदर्शों और उनके सपनों का भारत बनाने को प्रतिबद्ध हैं.'' इस अवसर पर लाल किले में एक प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें आगन्तुकों को नेताजी और आजाद हिन्द फौज के संबंध में दुर्लभ तस्वीरों और दस्तावेजों को देखने का मौका मिलेगा. यह समारोह 31 जनवरी को समाप्त होगा.
प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. मोदी ने इस अवसर पर ‘भारत-पर्व' की भी शुरुआत की. 31 जनवरी तक चलने वाला यह कार्यक्रम दिल्ली के रामलीला मैदान और लाल किला के सामने माधवदास पार्क में आयोजित किया गया है. इसमें गणतंत्र दिवस की झांकियां और सांस्कृतिक सामग्रियों के जरिये देश की समृद्ध विविधता प्रदर्शित की गई हैं. साथ ही यहां पर सरकार की नागरिक केन्द्रित पहलों, ‘वोकल फॉर लोकल' और पर्यटकों के लिए विभिन्न आकर्षक स्थानों से संबंधित 26 मंत्रालयों तथा विभागों के प्रयासों को भी दर्शाया गया है.
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