
- पीएम मोदी ने बिहार में कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया
- पीएम ने गयाजी को भगवान बुद्ध की पावन भूमि बताते हुए नगर का नाम बदलने पर बधाई दी
- पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 11 सालों में 4 करोड़ से अधिक गरीबों को पक्का घर दिया गया
पीएम मोदी ने बिहार के गयाजी में आज राज्य में कई बड़ी सौगात दी. पीएम मोदी ने बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, शहरी विकास और जल आपूर्ति जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 13,000 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने रैली को भी संबोधित किया. जिसमें पीएम मोदी ने कहा, "गयाजी की यह धरती अध्यात्म और शांति की धरती है, यह भगवान बुद्ध को बोध कराने वाली पावन भूमि है... यहां के लोग चाहते थे कि इस नगर का नाम गया नहीं, बल्कि गयाजी हो. मैं इस निर्णय के लिए बिहार सरकार को बधाई देता हूं. मुझे खुशी है कि बिहार की डबल इंजन सरकार गयाजी के तेज विकास के लिए तेज़ी से काम कर रही है."
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गयाजी की रैली में पीएम मोदी
तब तक मोदी चैन से नहीं बैठेगा...
पीएम मोदी ने कहा कि मेरा संकल्प है कि जब तक हर जरूरतमंद को पक्का घर नहीं मिल जाता, मोदी चैन से नहीं बैठेगा. इसी सोच के साथ, पिछले 11 सालों में 4 करोड़ से ज़्यादा गरीबों को पक्का घर दिया गया है. अकेले बिहार में 38 लाख से ज़्यादा घर बनाए गए हैं... बिहार चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य की धरती है... इस धरती पर लिया गया हर संकल्प कभी व्यर्थ नहीं गया है. जब कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, हमारे निर्दोष नागरिकों को उनका धर्म पूछकर मारा गया, तब मैंने बिहार की इस धरती से आतंकियों को मिट्टी में मिलाने की बात कही थी. आज दुनिया देख रही है कि बिहार की धरती पर लिया गया संकल्प पूरा हुआ है.
आतंकवादी चाहे पाताल में छिप जाएं...
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की रक्षा नीति की नई लकीर खींच दी है, अब भारत में आतंकी भेजकर हमले कराकर कोई बच नहीं सकेगा. आतंकवादी चाहे पाताल में क्यों न छिप जाएं भारत की मिसाइलें उन्हें दफन करके रहेगी. पीएम मोदी ने कहा कि लालटेन राज में यहां कैसी दुर्दशा थी. लालटेन राज में ये इलाका लाल आतंक से जकड़ा था। माओवादियों के कारण शाम के बाद कहीं आना-जाना मुश्किल था। लालटेन राज में गयाजी जैसे शहर अंधेरे में डूबे रहते थे। हजारों गांवों तक बिजली के खंभे नहीं पहुंचते थे... बिहार की कितनी पीढ़ियों को इन लोगों ने बिहार से पलायन के लिए मजबूर कर दिया था."
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