PM Modi Independence Day Speech: 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस...देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब स्वतंत्रता दिवस भाषण (PM Modi Longest Speech) के लिए लाल किला पहुंचे, तो हर किसी की निगाहें इसी बात पर टिक गईं, कि इस बार उनके संबोधन में क्या खास होगा. पीएम मोदी ने महिला सुरक्षा से लेकर देश को विकसित बनाने तक का अपना विजन सबसे सामने रखा. इस सब में खास बात यह है कि पीएम मोदी का यह अब तक का सबसे लंबा यानी कि 98 मिनट का भाषण है.
98 मिनट तक देश को संबोधित कर पीएम मोदी ने अपना ही पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. पीएम मोदी ने आज से पहले 10 बार लाल किले से देश को संबोधित किया था. 78वें स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने 11वीं बार देश को लाल किले से संबोधित किया, इस दौरान उन्होंने 98 मिनट तक देश हित से जुड़ी बातें देश के सामने रखीं.
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लाल किले पर PM मोदी का कब कितना लंबा भाषण?
- साल 2014 में 65 मिनट का भाषण
- साल 2015 में 86 मिनट का भाषण
- साल 2016 में 94 मिनट का भाषण
- साल 2017 में 57 मिनट का भाषण
- साल 2018 में 82 मिनट का भाषण
- साल 2019 में 92 मिनट का भाषण
- साल 2020 में 86 मिनट का भाषण
- साल 2021 में 88 मिनट का भाषण
- साल 2022 में 83 मिनट का भाषण
- साल 2023 में 90 मिनट का भाषण
- साल 2024 में अब तक का सबसे लंबा 98 मिनट का भाषण
पीएम मोदी का सबसे छोटा भाषण भी जानिए
पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2017 में सबसे छोटा भाषण महज 57 मिनट का दिया था. उसके बाद उन्होंने 2016 में 94 मिनट का लंबा भाषण दिया था. लेकिन इस स्वतंत्रात दिवस पर उन्होंने अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 98 मिनट तक देश को संबोधित किया है.
साल 2015 में तोड़ा जवाहर लाल नेहरू का रिकॉर्ड
साल 2015 में पीएम मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के 72 मिनट लंबे भाषण का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. जवाहरलाल नेहरू ने 1947 में 72 मिनट का भाषण दिया था. जब कि पीएम मोदी ने 2015 में 86 मिनट का भाषण देकर देश के पहले पीएम का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. जवाहर लाल नेहरू ने प्रधानमंत्री रहते लाल किले पर 17 बार झंडा फहराया था, जो कि एक रिकॉर्ड है. वहीं इंदिरा गांधी ने 16 बार और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 10 बार झंडा फहराया है. पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह का रिकॉर्ड आज तोड़ते हुए लाल किले पर 11वीं बार झंडा फहराया है.
इन प्रधानमंत्रियों ने नहीं फहराया तिरंगा
देश में कुछ ऐसे प्रधानमंत्री भी रहे जिनको कभी भी लाल किले पर झंडा फहराने का मौका नहीं मिल सका. गुलजारीलाल नंदा और चंद्रशेखर, ये दोनों ही पीएम लाल किले पर झंडा नहीं फहरा सके. दरअसल जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद गुलजारीलाल नंदा 2 बार 13-13 दिन के लिए कार्यवाहक पीएम बने. ऐसे में उनके पास झंडा फहराने का मौका ही नहीं आया. वहीं चंद्रशेखर 10 नवंबर, 1990 से 21 जून, 1991 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. उन्होंने भी लाल किले पर झंडा नहीं फहराया.
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